दिल्ली की बीजेपी सरकार ने 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले का इस्तेमाल करने का मन बना लिया है, जिसे पार्टी ने 'शीशमहल' नाम दिया है. अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री आवास रहे इस बंगले को अब स्टेट गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है. केजरीवाल सरकार की ओर से बंगले के कथित रेनोवेशन को लेकर दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने AAP के खिलाफ जमकर प्रचार किया था.
स्टेट गेस्ट हाउस बनाने पर विचार
'इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस की जरूरत है. अधिकारी ने कहा कि बाकी राज्यों की तरह शहर में ऐसा कोई गेस्ट हाउस नहीं है. इसी वजह से 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले को गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल किए जाने पर विचार किया जा रहा है लेकिन फिलहाल अंतिम फैसले का इंतजार है. फ्लैग स्टाफ रोड सिविल लाइंस इलाके में आता है, जहां राजभवन, दिल्ली विधानसभा और सचिवालय स्थित हैं.
अधिकारी ने बताया कि 1990 के दशक में 33, शाम नाथ मार्ग पर स्थित एक संपत्ति को स्टेट गेस्ट हाउस बनाने के बारे में सोचा गया था लेकिन तीन-चार साल बाद इस पर सहमति नहीं बन पाई. तब से दिल्ली में ऐसा कोई गेस्ट हाउस नहीं है. AAP सरकार के तहत, 33, शाम नाथ मार्ग, दिल्ली के थिंक टैंक डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन का पता था, जिसे उसने सरकार की नीतियों पर पर सलाह देने के लिए बनाया था.
बंगले में एक ऑफिस और 5 बेडरूम
1942 में निर्मित, 6, फ्लैग स्टाफ रोड, बंगले में शुरू में एक ऑफिस के अलावा पांच बेडरूम थे. यह लुटियंस दिल्ली क्षेत्र के बाहर सबसे बड़ी ऐसी संपत्तियों में से एक है. 1960 के दशक से यह बंगला दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के स्वामित्व में है. इससे पहले यह बंगला वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी प्रेम सिंह का घर था, जो दो बार दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके थे. उसके बाद यह बंगला दिल्ली सरकार में कार्यरत नौकरशाहों को आवंटित कर दिया गया.
2020 के मॉनसून के दौरान छत गिरने के बाद AAP सरकार ने इसका रेनोवेशन कराने का फैसला किया, उसके बाद कोविड महामारी के आने तक एक टॉयलेट में भी इसी तरह की घटना हुई. कथित तौर पर घर के सिक्योरिटी ऑडिट से रेनोवेशन की जरूरत का पता चला. केजरीवाल 2015 में अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ इस बंगले में चले गए और अक्टूबर 2024 तक इसमें रहे. दिल्ली के सीएम के पद से हटने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया और अपने परिवार के साथ 5, फिरोजशाह रोड, बंगले में चले गए, जो आधिकारिक तौर पर पंजाब से AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया था.
केजरीवाल के जाने के बाद से खाली
तीन दिनों तक केजरीवाल की उत्तराधिकारी और AAP की सीएम आतिशी इस घर में रहीं. लेकिन फिर 9 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी ने उन्हें घर खाली करने को कहा. पीडब्ल्यूडी ने कहा कि केजरीवाल द्वारा संपत्ति का ऑफिशियल ट्रांसफर अभी तक नहीं हुआ है. पीडब्ल्यूडी ने इस साल जनवरी में आतिशी को बंगले का आवंटन का अपना प्रस्ताव रद्द कर दिया.
इस साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने बंगले के रेनोवेशन पर खर्च किए गए पैसे के बारे में आरोप लगाए थे, खासकर ऐसे समय में जब लोग कोविड की कठिनाइयों से जूझ रहे थे. बीजेपी ने घोषणा की कि अगर वह सत्ता में आई तो उसका मुख्यमंत्री 'शीशमहल' में नहीं रहेगा. वरिष्ठ बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने संपत्ति को ध्वस्त करने और इसे उसकी 'मूल स्थिति' में वापस करने की मांग की.
रेनोवेशन खर्च पर उठे सवाल
बीजेपी ने सीएम के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले पर CAG की रिपोर्ट सार्वजनिक की. इसमें कहा गया है कि मार्च 2020 में, तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने भूतल पर आवास के रेनोवेशन और एक अतिरिक्त मंजिल के निर्माण का प्रस्ताव रखा था. सीएजी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रारंभिक लागत अनुमान 7.91 करोड़ रुपये था, लेकिन 2022 में नवीनीकरण खत्म होने तक यह बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गया. बीजेपी की सीएम रेखा गुप्ता फिलहाल शालीमार बाग स्थित अपने पारिवारिक घर से ही काम कर रही हैं, उनके लिए भी घर की तलाश जारी है.