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स्कीन-टू-स्कीन वाला विवादित आदेश देने वाली जज का डिमोशन! सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सेवारत महिला जज गनेडीवाला को उस वक्त आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को जमानत दे दी थी. जज ने कहा था कि स्कीन-टू-स्कीन का संपर्क नहीं था, इसलिए पॉक्सो एक्ट के तहत इसे यौन हमला नहीं कहा जा सकता है.

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फाइल फोटो.
फाइल फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गनेडीवाला ने नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को जमानत दी थी
  • जज ने कहा था कि स्कीन-टू-स्कीन का संपर्क नहीं था, ये यौन हमला नहीं

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने स्थायी जज के रूप में नियुक्ति के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की एडिशनल जज पुष्पा गनेडीवाला के नाम की सिफारिश करने से इनकार कर दिया है. गनेडीवाला ने पॉक्सो एक्ट में स्कीन-टू-स्कीन वाला विवादित फैसला किया है. शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को जज गनेडीवाला के इस साल जनवरी में दिए गए दो फैसलों को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पॉक्सो के तहत यौन उत्पीड़न की व्याख्या की थी. 

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बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सेवारत महिला जज गनेडीवाला को उस वक्त आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को जमानत दे दी थी. जज ने कहा था कि स्कीन-टू-स्कीन का संपर्क नहीं था, इसलिए पॉक्सो एक्ट के तहत इसे यौन हमला नहीं कहा जा सकता है.

14 दिसंबर को हुई थी बैठक

सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर भी हैं. कॉलेजियम की बैठक 14 दिसंबर को हुई थी. सूत्रों के अनुसार बैठक में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति गनेडीवाला के नाम की सिफारिश नहीं करने का निर्णय लिया गया. हालांकि कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

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बॉम्बे हाईकोर्ट के जिन तीन अतिरिक्त जजों के नामों को मंजूरी दी गई है, उनमें जस्टिस माधव जयजीराव जामदार, अमित भालचंद्र बोरकर और श्रीकांत दत्तात्रेय कुलकर्णी शामिल हैं. कॉलेजियम ने यह भी सिफारिश की कि न्यायमूर्ति अभय आहूजा को 4 मार्च, 2022 से एक वर्ष के नए कार्यकाल के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए. एक अन्य फैसले में कॉलेजियम ने 14 दिसंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरुद्ध राय की स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

 

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