सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड में नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय अमित शाह समेत सभी चार आरोपियों को सीबीआई की अर्जी पर नोटिस जारी किया है. सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दी है कि मुठभेड़ मामले में चुनिंदा दस्तावेज गुजरात से महाराष्ट्र की अदालत को सौंपे जाए. सभी को चार सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देना है.
प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश जज रंजना प्रकाश देसाई और जज मदन बी लोकूर की खंडपीठ ने दिया. मामले में सीबीआई ने अर्जी दायर कर इस प्रकरण से संबंधित कुछ दस्तावेज महाराष्ट्र की अदालत को सौंपने के लिए न्यायिक निर्देश देने का अनुरोध किया है. इस प्रकरण में सीबीआई ने अमित शाह को 25 जुलाई, 2010 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह जमानत पर हैं. उन्हें तीन महीने से अधिक समय तक साबरमती जेल में रहना पड़ा था.
शाह के अलावा भारतीय पुलिस सेवा के गुजरात काडर के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा और आरके पांडियान व राजस्थान काडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन अमीन इस मुठभेड़ में मुख्य आरोपी हैं. गुजरात पुलिस के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक एनके अमीन भी मामले में आरोपी हैं. अमित शाह के अलावा बाकी सभी आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.
सीबीआई ने कहा था गवाहों को धमकाया जा रहा है
शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर 2012 को इस मामले को महाराष्ट्र की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. इससे पहले सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मुकदमे की निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई गुजरात में संभव नहीं है, क्योंकि यहां गवाहों को डराया धमकाया जा रहा है.
गौरतलब है कि गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नवंबर 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी का कथित रूप से अपहरण कर लिया था. बाद में इन दोनों को गांधीनगर के निकट फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था.