दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति शुक्रवार से थोड़ी बेहतर हुई है. शनिवार सुबह 7 बजे दिल्ली का AQI 416 दर्ज किया गया है. शुक्रवार को इसी समय यह 460 था. हालांकि, यह अभी भी 'गंभीर' श्रेणी में है.इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 468 तक पहुंच गया था. यानी कल तक 'गंभीर प्लस' श्रेणी में था. हालात से निपटने के लिए दिल्ली में 500 से ज्यादा टीमें ग्राउंड पर उतरेंगी और नियमों का कड़ाई से पालन करवाएंगी. सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, कमर्शन चारपहिया वाहनों और सभी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर पाया गया.पूरी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 448, जहांगीरपुरी में 421, द्वारका सेक्टर-8 में 435 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास 421 AQI रिकॉर्ड किया गया है. शुक्रवार को दिल्ली में सबसे गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक 468 था. इससे पहले 12 नवंबर, 2021 को AQI 471 दर्ज किया गया था.
लगातार चौथे दिन दिल्ली-एनसीआर में धुंध और धुंआ छाया रहा. एक समीक्षा बैठक के दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सख्त प्रतिबंध लागू करने से पहले कुछ दिन के लिए वायु प्रदूषण की स्थिति की निगरानी करने का निर्णय लिया है. इसमें कहा गया है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण III के तहत प्रतिबंध सिर्फ एक दिन पहले लागू किए गए थे.
प्रदूषण से निपटने के लिए 500 से अधिक टीमें गठित
इस बीच, प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है. शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपनी कार्य योजना के तहत खुले में कूड़ा जलाने, अवैध निर्माण और विध्वंस, डंपिंग और सड़कों पर धूल पर नजर रखने के लिए 1,119 अधिकारियों की 517 निगरानी टीमों का गठन किया है. इसमें कहा गया है कि जोनल अधिकारियों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी संशोधित GRAP के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा, शनिवार को शहर के कई हिस्सों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में थी. दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI प्रत्येक दिन शाम 4 बजे दर्ज किया जाता है. गुरुवार को 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था. शून्य और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. 500 से अधिक कुछ भी 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है.
'आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें?'
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को वन विभाग को फटकार लगाई.जस्टिस जसमीत सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वन विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण शहर में वायु की गुणवत्ता जहरीली हो चुकी है और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. अदालत ने कहा कि वन विभाग के 'गुपचुप' और 'रूढ़िवादी' आदेशों के तहत दिल्ली में पेड़ों की कटाई हो रही है. जज ने कहा, आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? आज दिल्लीवासी प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं. ऐसी मशीनें हैं जो हवा की गुणवत्ता रिकॉर्ड करती हैं. ये मशीनें अधिकतम 999 रिकॉर्ड कर सकती हैं. आज, हम इस आंकड़े को छू रहे हैं. यह (अधिकारियों के बीच) संवेदनशीलता की कमी के कारण हुआ है.'
'कोर्ट ने कहा, यह आदेश की अवहेलना है'
दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को बिना कारण बताए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए दिल्ली वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसी मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 सितंबर को आदेश दिया था कि शहर में मकान बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जाएगी. याचिकाकर्ता भवरीन कंधारी की ओर से वकील आदित्य एन प्रसाद पेश हुए और दलील दी कि गैर-तर्कसंगत आदेश पारित किए जा रहे हैं और अदालत के आदेशों के बावजूद शहर में पेड़ काटे जा रहे हैं.अदालत ने कहा, यह हमारे आदेशों का घोर उल्लंघन है. यह कर्तव्य का अपमान है. आप शॉर्टकट आजमा रहे हैं. कन्नी काट रहे हैं. यह अदालत के आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना है. मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.