आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली सरकार में रहे पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को अदालत से झटका लगा है. अफ्रीकी मूल की महिलाओं से दुर्व्यवहार के मामले में लगाई गई दोबारा जांच की अर्जी को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामला साल 2014 का है जब 9 अफ्रीकन महिलाओं ने सोमनाथ भारती के कानून मंत्री रहने के दौरान शिकायत दर्ज कराई थी कि वह उनके घरों में गैर- कानूनी ढंग से घुसे और उनके साथ बुरा बर्ताव किया.
सोमनाथ भारती की तरफ से अर्जी लगाई गई थी कि मामले की जांच दोबारा की जाए जिसे कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. इस मामले में सोमनाथ के साथ पुलिस ने 17 लोगों को आरोपी बनाया है.
सोमनाथ भारती ने दोबारा जांच के लिए दूसरी बार अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इस मामले में दिल्ली पुलिस पहले ही अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. सोमनाथ भारती इस केस में आरोपी के तौर पर फिलहाल कोर्ट में ट्रायल फेस कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब दिल्ली के तमाम वो केस जिसमें विधायक और सांसद आरोपी हैं, उसमें एक साल के भीतर कोर्ट को सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुनाना है.
1 मार्च से सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों से जुड़े सभी मामलों में ना सिर्फ स्पेशल कोर्ट गठित की है बल्कि उनकी सुनवाई के लिए 1 साल की समय सीमा भी तय कर दी है. इसका अर्थ यह है कि सोमनाथ भारती से जुड़े इस मामले में कोर्ट अपना फैसला 1 साल में सुना देगा जिससे यह तय हो जाएगा कि अफ्रीकन महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोप सही थे या नहीं और कोर्ट से सोमनाथ भारती को कोई राहत मिलेगी या नहीं.