अमूमन मीडिया के निशाने पर रहने वाले रॉबर्ट वाड्रा हनुमान जी के बड़े भक्त हैं. आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हनुमान जी में उनकी बहुत आस्था है, इसलिए वो हनुमान जी के दर्शन करने उनकी जयंती के दिन मंदिर जरूर जाते हैं. उसके बाद खुद अपने हाथ से गरीबों को खाना खिलाते हैं.
हनुमान जयंती के मैके पर रॉबर्ट वाड्रा पहले हनुमान मंदिर गए और उसके बाद एम्स के बाहर गरीब बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को अपने हाथ से परोस कर खाना खिलाते नजर आए. तस्वीरें आज तक के कैमरे में कैद हो गई अचानक एक सफेद एसयूवी में रॉबर्ट वाड्रा बिना एसपीजी की सुरक्षा के AIIMS के बाहर उतरे और एक साथी एनजीओ के साथ मिलकर एम्स के बाहर ही सबको बैठा कर खाना परोसते नजर आए.
ये सिलसिला तकरीबन 1 घंटे तक चला पहले रोटी बांटी फिर हाथ में चम्मच लेकर दाल खुद परोसने लगे. उसके बाद उन्होंने हलवा और बिस्किट बांटा. बांटते वक्त रॉबर्ट बच्चों से खूब बात करते दिखे. कभी किसी से उसकी नई हेयर स्टाइल के बारे में पूछा तो कभी किसी बच्चे ने बिस्किट के पैकेट छुपा लिया और फिर मांगा तो उससे मुस्कुराकर मजाक करते दिखे. इस दौरान आस-पास भीड़ लग गई, गुज़रने वाले रोबर्ट का वीडियो बनाने लगे. तो कुछ लोग फोटो खींचने लगे. खाना खाने वालों ने जहां रोबर्ट को धन्यवाद किया, गुजरने वाले बोलते दिखे, वो देखो सोनिया गांधी का दामाद.
करीब एक घंटे बाद सबको खिलाने के बाद हमने रोबर्ट से पूछा कि, आज क्या खास है, तो उन्होंने जवाब दिया कि, मैं अक्सर ऐसा करता हूं, और फिर आज तो हनुमान जयंती है, मैं मंदिर से हनुमान जी के दर्शन करके यहां गरीबों को खाना खिलाने आया था. ये मैं पब्लिसिटी के लिए नहीं करता, मुझे सुकून मिलता है इसलिए करता हूं.
कुल मिलाकर ऐसे वक्त जब कांग्रेस के भीतर चर्चा जोरों पर है कि, पार्टी पर थोपा गया मुस्लिम तुष्टिकरण का चस्पा कैसे हटाया जाए. ऐसे वक्त में रोबर्ट का अवतार जरूर चौंकाता है. गांधी परिवार के दामाद भले ही अपने इस कदम को व्यक्तिगत बताएं, लेकिन वो ऐसे बड़े सियासी परिवार से आते हैं, जिस परिवार का पब्लिक प्लेटफार्म पर उठाया गया हर कदम सियासत से ही जोड़कर देखा जाना लाज़मी है.