दक्षिण दिल्ली के इलाकों में कूड़ा उठाने के लिए साउथ एमसीडी ने शनिवार को नई मशीनों को सड़कों पर उतारा. दिल्ली में अपनी तरह की ये पहली मशीनें हैं, जो सड़क के साथ साथ छोटी-छोटी गलियों में भी जाकर कूड़ा उठा सकेगी.
दरअसल उपराज्यपाल अनिल बैजल शनिवार को साउथ एमसीडी की साफ सफाई और पार्किंग से जुड़ी योजनाओं की जानकारी ले्ने के लिए दौरा किया था. इसी दौरान उन्होंने 6 मेकैनिकल स्वीपर समेत अन्य अत्याधुनिक मशीनों को रवाना किया.
कमिश्नर पीके गोयल ने बताया कि मेकैनिकल स्वीपरों से सड़कों को साफ रखने में मदद मिलेगी. इनसे सड़कों पर से धूल कम की जा सकेगी, जिससे दिल्ली के पर्यावरण को भी मदद मिलेगी. मेक्निकल स्वीपिंग मशीनों में रोटेटिंग ब्रश लगे हैं, जिनसे सड़कों, फुटपाथों और फर्श को साफ किया जा सकेगा और इनसे तेजी से सड़क साफ की जा सकेगी.
साउथ एमसीडी के मुताबिक, कूड़ा उठाने की 5 मशीनों, चार सक्शन मशीनों और एक मिनी मशीन से पूरे इलाके को साफ सुथरा रखा जा सकेगा. इससे समय और प्रदूषण कम होगा. इसमें अत्याधुनिक पावर स्वीपिंग मशीनें भी शामिल हैं, जो बाज़ारों, मंदिरों, पार्किंग और पार्कों जैसे सार्वजनिक स्थलों को तेज़ी से साफ कर सकेंगी. ये पावर स्वीपिंग मशीनें दिल्ली में पहली बार काम पर लगायी गई हैं. इनसे स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी गतिविधियों में तेजी आएगी. सक्शन सह मिनी जेटिंग मशीनें टाटा 407 पर फिट की गई हैं और इसके साथ तीन हजार लीटर का स्टेनलैस स्टील का टैंक है. इस मशीन में पावर पंप लगे हैं, जिनसे पानी का दबाव बनता है और एसटीपी के रिसाइकल किए गए पानी का इस्तेमाल किया जाना सुगम हो जाता है.
सफाई की अत्याधुनिक तकनीक को देखते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने साउथ एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिए कि ऑर्डर की हुई बाकि की मशीनों को भी जल्द मंगवाया जाए, ताकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अगली बार से एसडीएमसी की रैंकिंग भी सुधरे. इसके अलावा एलजी ने साउथ एमसीडी की डिफेंस कॉलोनी में 180 कारों के लिए बनाई जा रही ऑटोमेटिक कार पार्किंग योजना के बारे में भी जानकारी ली. कमिश्नर पीके गोयल ने उपराज्यपाल को बताया कि अगले 12 महीनों में ये पार्किंग बन कर तैयार हो जाएगी. इस पर कुल 13 लाख रुपये की लागत आएगी.