दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (साउथ एमसीडी) ने अपने सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को पछाड़ दिया है. अभी केजरीवाल सरकार का स्कूलों में सीसीटीवी लगाने का प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है. दिल्ली नगर निगम फंड की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहा है. इसके बावजूद साउथ एमसीडी ने सभी स्कूलों में बेहद तेजी के साथ सीसीटीवी कैमरे लगवाया है.
साउथ एमसीडी की शिक्षा समिति की चेयरपर्सन नंदिनी शर्मा के मुताबिक बच्चों की सेफ्टी सबसे पहला मोटिव है. वो कहती हैं कि उनके भी छोटे-छोटे बच्चे हैं. ऐसे में वो सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं. नंदिनी के मुताबिक दिल्ली सरकार ने एजुकेशन के प्लान हेड में पिछले एक साल से कोई भी पैसा नहीं दिया है. हमें अपने स्कूलों में नई बेंच लगवानी है. स्मार्ट टीवी और जिम लगवाने हैं, लेकिन फंड न होने की वजह से कोई भी काम नहीं हो पा रहा है.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के प्रोजेक्ट से एमसीडी का ये प्रोजेक्ट काफी हद तक अलग है. एमसीडी के स्कूलों में कक्षा 5 तक के बच्चे पढ़ते हैं और एक स्कूल में बच्चों की संख्या 1000 से कम होती है. वहीं दिल्ली सरकार के स्कूल 12वीं तक हैं, जिनके हर स्कूल में तकरीबन 3 से 5 हजार बच्चे पढ़ते हैं. दिल्ली सरकार के सीसीटीवी प्रोजेक्ट में हर क्लासरूम में सीसीटीवी लगाए जाएंगे, जिनकी लाइव फीड पैरेंट्स मोबाइल पर देख सकेंगे. हालांकि एमसीडी के स्कूलों में लिमिटेड कैमरे हैं, जो स्कूल के अलग-अलग हिस्सों को कवर करेंगे.
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 581 स्कूल हैं, जिनमें दो लाख 38 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं. इन स्कूलों में 3,943 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसमें कुल लागत चार करोड़ 65 लाख रुपये आई है.
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सौ फीसदी स्कूलों में सीसीटीवी का दावा भले ही कर रही हो, लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं. साउथ एमसीडी के नेता विपक्ष प्रवीण कुमार ने इन आंकड़ों को गलत बताया है. प्रवीण कुमार के मुताबिक कैमरे तो लगे हैं, लेकिन अभी सारें स्कूल में नहीं लग पाए हैं. उनके मुताबिक आम आदमी पार्टी के पार्षदों के इलाकों में भेदभाव किया गया है.