साउथ एमसीडी में बुधवार को हुई सदन की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. बात इतनी आगे बढ़ गई कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया और आम आदमी पार्टी और बीजेपी की महिला पार्षद आपस में ही भिड़ पड़ीं.
दरअसल बुधवार को बुलाई गई सदन की बैठक में विपक्षी पार्षद शुरू से ही मेयर को घेरते देखे गए. पिछली दो बार से सदन की बैठक में हंगामा होते देख मेयर ने सदन की बैठक से पहले बीजेपी, AAP और कांग्रेस के नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्हें बताया गया था कि इस बार बैठक में हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसी मसले पर आम आदमी पार्टी के पार्षद मेयर से जवाब चाहते थे कि किस नियम के तहत उन पर कार्रवाई की जा सकती है.
हंगामे और प्रदर्शन के दौरान AAP पार्षद एमसीडी स्टाफ के लिए बनी टेबल तक पहुंच गए और वहां रखे कागज़ फाड़ दिए, जिसके बाद मेयर ने मार्शलों को बुला लिया हालांकि मार्शल हंगामा करते पार्षदों को बाहर निकालने में असफल रहे. इसके बाद बीजेपी पार्षद भी वेल में उतरे और आम आदमी पार्टी के पार्षदों का विरोध शुरू कर दिया.
इस दौरान महिला पार्षदों में आपस में ही हाथापाई हो गई, जिस पर बड़ी मुश्किल से काबू पाया गया. इस हंगामे के बावजूद सदन की कार्रवाई जैसे-तैसे पूरी की गई, लेकिन सदन की पूरी बैठक के दौरान हंगामा करने वाले AAP के 12 सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मेयर ने उन्हें अगले 15 दिनों के लिए सदन से निष्कासित कर दिया. मेयर ने बताया कि एमसीडी एक्ट की धारा 73 के तहत इन सदस्यों को निष्कासित किया गया है.
आम आदमी पार्टी ने इस मामले में अपना पक्ष देते हुए कहा कि मेयर ने जो कार्रवाई की है वो एकतरफा है. साउथ एमसीडी में नेता विपक्ष रमेश मटियाला ने कहा है कि हंगामे के दौरान बीजेपी के पार्षद भी हाथापाई में शामिल थे लेकिन कार्रवाई सिर्फ आम आदमी पार्टी के पार्षदों और एल्डरमैन के खिलाफ की गई जो कि गलत है.