पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने भी अपना बजट पेश कर दिया है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने बजट प्रावधानों में संपत्ति कर में इजाफा किया है. साथ ही एजुकेशन सेस नाम से नया कर लगाने की घोषणा भी की है.
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली शहर में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए आगे से पेट्रोल गाडियां न खरीदने का निर्णय किया है. अबसे इलेक्ट्रिक गाड़िया खरीदी जाएंगी. साथ ही निगम अपनी 400 सम्पत्तियों पर सोलर पैनल लगाएगा, जिससे पैदा होने वाली बिजली उसी भवन में इस्तेमाल होगी.
साउथ एमसीडी ने ए और बी श्रेणी की आवासीय संपत्तियों पर टैक्स 12 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ सी, डी और ई श्रेणी की आवासीय संपत्तियों पर टैक्स 11 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया. इसके अलावा एफ, जी और एच श्रेणी की आवासीय संपत्तियों पर टैक्स 7 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी किया गया. ए से एफ श्रेणियों की गैर आवासीय सम्पत्तियों पर 20 फीसदी की दर से और जी एवं एच श्रेणी की गैर आवासीय सम्पत्तियों पर 15 फीसदी की दर से कर लिया जाएगा.
पर्यावरण के साथ साथ नगर निगम ने अपने संपत्ति कर में इजाफे के पीछे वजह यह बताई है कि इसके द्वारा जनता की सुविधाओं में ही बढ़ोतरी की जाएगी. जाहिर है साउथ के साथ साथ ईस्ट और नार्थ एमसीडी ने भी सम्पत्ति कर बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है. अब देखना ये होगा कि निगम पार्षद कमिश्नर के इस प्रस्ताव को लागू करने देते हैं या नहीं.