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अब 'टेबलेट' की मदद से मच्छर मारेगी साउथ एमसीडी

मंगलवार को साउथ एमसीडी में सदन की बैठक में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर चर्चा रखी गई. चर्चा के दौरान इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों को देखते हुए यह तय किया गया कि मच्छरों की ब्रीडिंग को लेकर जो संवेदनशील जगहें हैं वहां पर डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स यानी DBC वर्कर्स को टैबलेट दिए जाएंगे. इस ऐप के जरिए सभी डीबीसी वर्कर और अधिकारी एक-दूसरे से ना केवल जुड़े रहेंगे बल्कि ब्रीडिंग रोकने का काम सुचारू रूप से चलेगा या नहीं इसकी भी निगरानी की जा सकेगी.

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साउथ एमसीडी
साउथ एमसीडी

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मंगलवार को साउथ एमसीडी में सदन की बैठक में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर चर्चा रखी गई. चर्चा के दौरान इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों को देखते हुए यह तय किया गया कि मच्छरों की ब्रीडिंग को लेकर जो संवेदनशील जगहें हैं वहां पर डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स यानी DBC वर्कर्स को टैबलेट दिए जाएंगे. इस ऐप के जरिए सभी डीबीसी वर्कर और अधिकारी एक-दूसरे से ना केवल जुड़े रहेंगे बल्कि ब्रीडिंग रोकने का काम सुचारू रूप से चलेगा या नहीं इसकी भी निगरानी की जा सकेगी. निगम ने कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि जब वे फॉगिंग या चेकिंग पर जाएं तो वहां की फोटो टेबलेट में दिए गए ऐप पर जरूर डालें.

डीबीसी वर्कर्स को यूनिफार्म और आई-कार्ड
चर्चा के दौरान साउथ एमसीडी कमिश्नर पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि जल्द ही 200 टेबलेट खरीदे जाएंगे. इसके अलावा कमिश्नर ने बताया कि जल्द ही डीबीसी वर्कर्स को यूनिफार्म और आई-कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनको पहचाना जा सके. डीबीसी कर्मियों को ये शिकायत रहती थी कि उन्हें घरों में घुसने नहीं दिया जाता. इसी वजह से घरों में लार्वा की चेकिंग नही हो पाती.

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तनख्वाह भी बढ़ाई
वहीं चर्चा के दौरान मेयर कमलजीत सेहरावत ने सदन को बताया कि डीबीसी वर्कर्स की डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से लड़ाई में बेहद अहम भूमिका को देखते हुए उनकी तनख्वाह भी 14 हजार रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है.

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