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10 सितंबर को दिल्ली-मुंबई के बीच 150 की रफ्तार पर टैल्गो का फाइनल ट्रायल

नई दिल्ली से टैल्गो ट्रेन 10 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर मुंबई के लिए रवाना होगी. इस रूट पर टैल्गो की ट्रेन को 12 घंटे से भी कम समय में मुंबई पहुंचने का टारगेट दिया गया है. रेल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली और मुंबई रूट पर ये अंतिम ट्रायल होगा.

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टैल्गो ट्रेन
टैल्गो ट्रेन

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स्पेनिश ट्रेन टैल्गो के दिल्ली मुंबई रूट पर अंतिम ट्रायल को रेल बोर्ड की हरी झंडी मिल गई है. 10 सितंबर को टैल्गो के 9 कोचेज के साथ ये ट्रेन दिल्ली और मुंबई के बीच 150 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पर चला कर देखी जाएगी. दिल्ली-मुंबई रूट के बीच बारिश थमने का इंतजार कर रहे रेल बोर्ड को ये उम्मीद है कि इस ट्रायल में बारिश बाधा नहीं बनेगी.

नई दिल्ली से टैल्गो ट्रेन 10 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर मुंबई के लिए रवाना होगी. इस रूट पर टैल्गो की ट्रेन को 12 घंटे से भी कम समय में मुंबई पहुंचने का टारगेट दिया गया है. रेल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली और मुंबई रूट पर ये अंतिम ट्रायल होगा.

अगस्त महीने में हुए चार ट्रायल
गौरतलब है कि 1 अगस्त से शुरू होकर 12 अगस्त तक दिल्ली और मुंबई के बीच अगस्त के महीने में स्पेनिश ट्रेन टैल्गो के चार ट्रायल हुए थे. लेकिन सक्रिय मानसून के कारण इन सभी ट्रायलों के दौरान रास्ते में झमाझम बारिश रही और सूरत के आगे एक बार ट्रैक बह जाने की वजह से ट्रायल के दौरान ट्रेन मुंबई तक भी नहीं पहुंची. ऐसे में टैल्गो ट्रेन को सितंबर के पहले पखवाड़े में साफ आसमान के बीच चलाकर देखा जाने की योजना बनाई गई, जिससे इसकी क्षमता का सही सही आंकलन हो सके.

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ट्रायल के बाद अंतिम निर्णय
टैल्गो इंडिया के डायरेक्टर सुब्रतो नाथ के मुताबिक, टैल्गो ट्रेन अभी तक हुए सभी परीक्षणों में खरी उतरी है. 10 सितंबर का ट्रायल अंतिम है. सुब्रतो नाथ के मुताबिक, टैल्गो को लेकर सभी चीजें पॉजिटिव हैं और अब रेल मंत्रालय को तय करना है कि उनको हमारी तकनीक का इस्तेमाल रेलवे की रफ्तार बढ़ाने में करना है या नहीं. उनके मुताबिक दिल्ली और मुंबई के बीच टैल्गो को 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे अधिकतम रफ्तार पर चलाकर देखा गया है. लेकिन अंतिम ट्रायल में टैल्गो ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर मुंबई-दिल्ली के बीच चलाकर देखा जाएगा.

घुमावदार मोड़ पर भी तेज रफ्तार
टैल्गो का दावा है कि उनके कोचेज की तकनीक ऐसी है कि मौजूदा ट्रैक पर ही उनकी गाड़ी 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकती है. लेकिन इस रफ्तार पर चलाने के लिए रेल पटरी की फेंसिंग जरूरी है. 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए किसी भी तरह के सीआरएस क्लियरेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी. रेल मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी के मुताबिक, टैल्गो की ट्रेन मुंबई और दिल्ली के बीच टाइम ट्रायल में सफल रही है. टैल्गो कंपनी के डिब्बों की खासियत ये है कि ये तेज घुमावदार मोड़ों पर भी तेज रफ्तार से चल सकते हैं.

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