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उपराज्यपाल ने लौटाई बरखा सिंह को हटाने संबंधी फाइल, स्पष्टीकरण मांगा

उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाए जाने संबंधी फाइल दिल्ली सरकार को लौटा दी और प्रस्तावित कदम के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार के कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि नेताओं को ऐसे निकायों का प्रमुख नहीं होना चाहिए.

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बरखा सिंह
बरखा सिंह

उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाए जाने संबंधी फाइल दिल्ली सरकार को लौटा दी और प्रस्तावित कदम के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार के कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि नेताओं को ऐसे निकायों का प्रमुख नहीं होना चाहिए.

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उपराज्यपाल के इस कदम के कुछ घंटे पहले बरखा सिंह ने नजीब जंग से मुलाकात की थी और शिकायत की थी कि AAP मंत्री सोमनाथ भारती को समन जारी करने की वजह से दिल्ली सरकार उन्हें हटाना चाहती है.एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'उपराज्यपाल ने फाइल हमें लौटा दी है और यह स्पष्टीकरण मांगा है कि सरकार क्यों डीसीडब्ल्यू को पुनगर्ठित करना चाहती है.'

उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व कांग्रेस विधायक बरखा सिंह ने कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और दिल्ली सरकार को उन्हें हटाने का अधिकार नहीं है. हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि डीसीडब्ल्यू कानून, 1994 के तहत सरकार को ऐसे कदम उठाने का अधिकार है.

बरखा सिंह ने कहा, 'मैंने डीसीडब्ल्यू के नियमों की एक पुस्तिका उपराज्यपाल को सौंपी है ताकि उन्हें इस बात का पता चल सके कि सरकार अध्यक्ष को पद से नहीं हटा सकती है. केजरीवाल और उनके मंत्री तानाशाह बन गए हैं. वे अपनी सुविधा के मुताबिक काम कर रहे हैं.'

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गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने आयोग को पुनर्गठित करने की बुधवार को उपराज्यपाल से सिफारिश की थी और हिंदी साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा का नाम आयोग की प्रमुख के रूप में प्रस्तावित किया था. इस बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा था, हम चाहते हैं कि विभिन्न आयोगों और बोर्डों के प्रमुख गैर राजनीतिक और विशेषज्ञ लोग बनें. उन्होंने बताया था कि मैत्रैयी पुष्पा एक रुपए के वेतन पर नियुक्त हो रही हैं. केजरीवाल ने सिंह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि कानून मंत्री को समन किए जाने के कारण उन्हें हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'भारती की सुनवाई डीसीडब्ल्यू में नहीं हो रही है. उपराज्यपाल ने मामले में न्यायिक जांच गठित की है.'

इसी महीने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अरविन्दर सिंह लवली ने पार्टीजनों से कहा था कि सरकार द्वारा संचालित बोर्डों और आयोगों में विभिन्न पदों को वे परंपरा का पालन करते हुए छोड़ दें. इसके बाद कांग्रेस के कई सदस्यों ने अपनों पदों से इस्तीफा दे दिया था लेकिन बरखा सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया था.

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