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दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर हर ओर भाषाई गलतियां

दिल्ली मेट्रो भले ही यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया कराती हो, लेकिन मेट्रो स्‍टेशनों में जगह-जगह भाषाई गलती देखने को मिलती है.

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दिल्‍ली मेट्रो
दिल्‍ली मेट्रो

दिल्ली मेट्रो भले ही यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया कराती हो, लेकिन मेट्रो स्‍टेशनों में जगह-जगह भाषाई गलती देखने को मिलती है.

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मेट्रो के यात्रा मानचित्र पर जगहों के नाम और स्टेशनों की संकेत भाषा का सवाल आता है तो इस मामले में अभी भी दिल्ली मेट्रो को काफी कुछ किया जाना अपेक्षित है. दरअसल, इनमें से काफी नामों को या तो गलत तरीके से लिखा गया है या अलग-अलग जगहों पर इन्हें अलग-अलग तरीके से उच्चारित किया गया है.

उदाहरण के लिए केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के आगे स्थित ‘चेम्सफोर्ड क्लब’ का नाम मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर 'चाम्स फोर्ड क्लब' लिखा गया है. यह गेट रेड क्रॉस मार्ग की तरफ खुलता है. वहीं गेट नंबर 2 पर इसे ‘चेम्स फोर्ड क्लब’ लिखा गया है. औपनिवेशिक युग के इस शौकिया क्लब का निर्माण वर्ष 1916-17 में हुआ था और इसका नामकरण भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड के नाम पर किया गया था.

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के निकट एक प्रमुख मार्ग का नामकरण भी इनके नाम पर किया गया है. हालांकि ऐसा केवल दिल्ली मेट्रो के ‘वायलेट लाइन’ सेवा पर ही नहीं है, बल्कि केंद्रीय सचिवालय से केवल दो स्टेशन आगे मंडी हाउस स्टेशन पर भी ऐसी ही एक प्रसिद्ध हस्ती के नाम को गलत तरीके से लिखा गया है. मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर वर्ष 1930 के दशक की ऐतिहासिक इमारत ‘लेडी इरविन कॉलेज’ के संकेत चिह्न में इरविन शब्द में अंग्रेजी के ‘w’ के स्थान पर अंग्रेजी के ‘V’ अक्षर को लिखा गया है. इमारत का नामकरण भारत के पूर्व वायसराय लॉर्ड इरविन की पत्नी लेडी डोरोथी इरविन के नाम पर किया गया है.

इसी स्टेशन की दीवार पर ‘भगवान दास रोड’ के संकेत चिह्न को लिखने में भी अंग्रेजी की वही गलती दोहराई गई है. ‘भगवान दास रोड’ के ‘भगवान’ में अंग्रेजी के ‘w’ की जगह अंग्रेजी के ‘V’ अक्षर को लिखा गया है, लेकिन यह गलतियां केवल दीवारों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि यह मेट्रो ट्रेन की ‘एलईडी यात्रा मानचित्र’ पर भी दिखती है.

स्टेशन के बाहर संकेत चिह्नों पर इन्हें किसी और तरीके से लिखा गया है, जबकि ट्रेन के अंदर ‘एलईडी यात्रा मानचित्र’ पर इन्हें किसी और तरीके से लिखा गया है. उदाहरण के लिए ‘जंगपुरा’ स्टेशन का नाम पटरी के पास और दीवार संकेत चिह्नों में ‘जंगपुरा’ लिखा गया है, जबकि ट्रेन कोच के अंदर इन्हें दो शब्दों के युग्म ‘जंग पुरा’ के रूप में लिखा गया है.

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यही गलती ‘मूलचंद’ के नाम के साथ भी दोहराई गई है. गलतियों के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली मेट्रो ने कहा, 'इस संबंध में जल्द ही सुधार की जाएगी.' डीएमआरसी के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा, 'हमने इस मामले को संज्ञान में ले लिया है. हमने स्टेशनों के बाहर गलत तरीके से लिखे गए चिह्नों की पहचान कर ली है और जल्द ही इन गलतियों को सुधार भी लिया जाएगा.'

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