नॉर्थ दिल्ली म्यूनसिपल कॉर्पोरेशन (एनडीएमसी) एरिया में खुले में बिकने वाले छोले भटूरे, समोसे-कचोरी-कुल्चे के मजे अब आप नहीं ले सकेंगे. एजेंसी ने अपने पूरे इलाके में मॉनसून एक्शन प्लान के तहत खुले में बनने और बिकने वाले खाद्य पदार्थ बैन कर दिए हैं. फिलहाल ये बैन 15 अक्टूबर तक के लिए रहेगा. एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कंवर सिंह तंवर का कहना है कि बारिश के मौसम में पानी और खाने से होने वाली बीमारियों से आम जनता को बचाने के लिए ये कदम उठाया गया है.
वैसे इस बैन का एक और मकसद है कि स्ट्रीट फूड वेंडर साफ-सफाई के लिए जागरूक हों, और अपने खोमचे को सुंदर बनाएं. एनडीएमसी अब स्मार्ट सिटी बनने जा रही है और स्मार्ट सिटी में खोमचे वालों की क्या जगह है. जिन दुकानदारों ने लाइसेंस लिया है, उन पर भी ये बैन जारी रहेगा. मकसद साफ है, खाना खुले में न बनाया जाए और न ही बेचा जाए. बैन में रोडसाइड पर बिकने वाले कटे फल, जूस वगैरह भी शामिल हैं.
फिलहाल ये आदेश लोगों को पच नहीं रहा. खास तौर पर उन लोगों को जो 20 रुपए में भरपेट खाना खा लेते हैं, वो भी एनडीएमसी इलाके में. गौर करने की बात है कि लोगों का एक तबका स्ट्रीट फूड एन्जॉय करता है लेकिन एक खास आयवर्ग के लोग इसलिए ऐसी जगहों पर खाना खाते हैं क्योंकि रेस्टोरेंट के मंहगे खाने का खर्च उनकी क्षमता से बाहर है. ऐसे में ये बैन कितना कारगर हो पाएगा, इस पर बड़े सवाल हैं.