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दिल्ली में कोरोना संक्रमित काट रहे अस्पतालों के चक्कर, नहीं मिल पा रहे बेड

17 अप्रैल को दोपहर 1 बजे साउथ दिल्ली के शाहपुर जट इलाके से 9 बजे तक एम्बुलेंस कोरोना के एक मरीज को लेकर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर लगाती रही. इस एम्बुलेंस को चार अस्पतालों ने वापस लौटा दिया. लेकिन कहीं दाखिला नहीं हुआ.

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कोरोना संक्रमित मरीज के लिए पत्नी ने लगाए अस्पतालों के चक्कर
कोरोना संक्रमित मरीज के लिए पत्नी ने लगाए अस्पतालों के चक्कर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के अस्पतालों में बेड की कमी
  • संक्रमितों को काटने पड़ रहे अस्पताल के चक्कर
  • दिल्ली में ICU के सौ से भी कम बेड बचे हैं

सरकारें भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही हैं लेकिन स्थिति कुछ और ही है. कोरोना महामारी ने हमारे लचर सिस्टम की पोल खोलकर रख दिया है. लोगों को अस्पतालों में बेड के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 17 अप्रैल को दोपहर 1 बजे साउथ दिल्ली के शाहपुर जट इलाके से 9 बजे तक एम्बुलेंस कोरोना के एक मरीज को लेकर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर लगाती रही. इस एम्बुलेंस को चार अस्पतालों ने वापस लौटा दिया. लेकिन कहीं दाखिला नहीं हुआ.

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कुछ अस्पतालों ने कहा कि मरीज के साथ मे अटेंडेंट होना चाहिए. इस बात का पता एक एनजीओ चलाने वाले शख्स सुनील अलेडिया को चला तब किसी तरह महिला खुद एम्बुलेंस में PPE किट पहनकर बैठ सकीं.

कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली के अंबेडकर नगर अस्पताल में मरीज के दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई है. इस पूरी प्रक्रिया के बारे में पीड़ित व्यक्ति की पत्नी सर्वेसरी ने बताया कि 4 दिन से परेशान हैं, 17 अप्रैल की दोपहर 1 बजे से अस्पतालों के चक्कर काट रहे थे. .

इस बारे में बात करते हुए कैट्स एम्बुलेंस वाले शख्स अभय ने बताया कि उन्हें दोपहर 1 बजे कॉल मिली थी. इसके बाद वे मरीज को लेकर पहले सुल्तानपुरी गए, उसके बाद जीटीबी अस्पताल गए, उसके बाद राजीव गांधी अस्पताल गए थे. सुनील ने दिल्ली के कुछ अस्पतालों में बात की, तब कहीं जाकर अंबेडकर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया जा सका.

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हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों को सख्त चेतावनी देते कहा कि कोई भी अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए मना करेगा तो सख्त एक्शन लिया जाएगा.

 

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