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JNU में 'देशद्रोह': ABVP का आज देशव्यापी आंदोलन का ऐलान

जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन करने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने देशव्यवापी हड़ताल करने का ऐलान किया है

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जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन करने के मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. बीजेपी सांसद महेश गिरी ने देशद्रोह का केस चलाने की मांग की थी और उसकी शिकायत पर वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 12A के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

इस मामले के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने देशव्यवापी हड़ताल करने का ऐलान किया है.

इससे पहले महेश गिरी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि वो पुलिस दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दें. गिरी ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को भी चिट्ठी भेजी थी.

मानव संसाधन मंत्रालय
गिरी ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को भी चिट्ठी लिखी है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा है कि जेएनयू के वाइस चांसलर को आदेश दिए जाएं कि वो इस तरह के कार्यक्रमों की अनुमति न दें और इस कार्यक्रम को आयोजित कराने वालें लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें. गिरी ने कहा, 'मैंने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल छात्रों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखा है. उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलना चाहिए.' गिरी ने कहा कि उन्होंने गुरुवार को ही चिट्ठी लिखा है और अभ वो जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

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क्या है मामला?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार शाम को संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था. डेमोक्रैटिक स्टूडेंट यूनियन से ताल्लुक रखने वाले 10 छात्रों ने अफजल गुरु की बरसी पर ये कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसके अंत में एबीवीपी ने विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक जा पहंची. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बुलाया.

विवाद जेएनयू की लोकतांत्रिक संस्कृति पर हमला
जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम पर विवाद से अपने को ‘अलग’ करते हुए कहा कि यह एबीवीपी की विश्वविद्यालय की ‘लोकतांत्रिक परंपरा’ को रोकने की कोशिश है. जेएनयूएसयू में वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के दो सदस्य, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन(एआईएसएफ) से एक और भाजपा संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से एक सदस्य हैं. जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, ‘‘हम विवाद से खुद को अलग करते हैं और मुद्दे पर जिस तरह हंगामा खड़ा किया गया है उससे चकित है और इसे जेएनयूएसयू की गतिविधि के तौर पर पेश किया जा रहा है. हम कार्यक्रम में लगाए गए अलोकतांत्रिक नारों की निंदा करते हैं लेकिन यह विश्वविद्यालय की छवि खराब करने और विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक परंपरा को रोकने का एबीवीपी का प्रपंच है.’

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