आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सुनीता केजरीवाल को तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल के साथ आमने-सामने की मुलाकात नहीं करने दी गई. जेल अधिकारियों ने उन्हें खिड़की के जरिए केजरीवाल से मिलने की इजाजत दी. संजय सिंह ने कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है.
संजय सिंह ने दावा किया कि तिहाड़ जेल में आमने-सामने मुलाकात करना आम बात है. उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. यहां तक कि खूंखार अपराधियों को भी अपने परिजनों से बैरक में मुलाकात करने की इजाजत है. जबकि दिल्ली के तीन बार के सीएम को उनकी पत्नी और पीए से विंडो बॉक्स के जरिए मुलाकात कराई जा रही है. ऐसा अमानवीय व्यवहार क्यों... मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपमानित और हतोत्साहित करने के लिए ही यह अमानवीय कृत्य किया जा रहा है. आज लड़ाई लोकतंत्र और संविधान को बचाने की है.'
AAP नेता ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के एक सांसद की अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात तिहाड़ जेल प्रशासन ने आखिरी वक्त में रद्द कर दी. इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया. उन्होंने कहा, 'हमें बताया गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विंडो बॉक्स (जेल की सलाखों के बीच बनी छोटी सी खिड़की) के जरिए मिलना होगा. आप दिल्ली के मुख्यमंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री का अपमान कर रहे हैं, अरविंद केजरीवाल को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ मेरी बैठक रद्द कर दी गई है, यह भारतीय कानून का मजाक बनाया जा रहा है.'
#WATCH | AAP MP Sanjay Singh says, "When the wife of Arvind Kejriwal applied to meet him, she was told that you cannot meet him face-to-face but through a window. Why such inhuman behaviour... This inhuman act has been done just to humiliate and discourage the CM. I am saying… pic.twitter.com/J0iZimH3pw
— ANI (@ANI) April 13, 2024
संजय सिंह ने कहा, 'मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करूंगा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिकारों को न छीनें. ये अधिकार उन्हें संवैधानिक, लोकतांत्रिक, कानूनी और जेल नियमों के तहत मिले मिले हैं. तानाशाह बनने की कोशिश न करें.' बता दें कि अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 15 अप्रैल को समाप्त हो रही है, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 अप्रैल को एक्साइज पॉलिसी केस में ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध करार दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला उस याचिका को खारिज करते हुए सुनाया था, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को अवैध ठहराया था.
अदालत ने अपने फैसले में कहा था, 'अरविंद केजरीवाल द्वारा 6 महीने से अधिक समय तक ईडी के 9 समन की बार-बार अनदेखी करना उनकी गिरफ्तारी में योगदान देने वाला सबसे बड़ा कारक था. अगर याचिकाकर्ता पीएमएलए की धारा 50 के तहत समन जारी होने के अनुसार जांच में शामिल हुआ होता, तो वह जांच एजेंसी के समक्ष मामले में उसके द्वारा एकत्र की गई सामग्री (सबूत) के खिलाफ अपना पक्ष रख सकता था.' ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार किया था. ट्रायल कोर्ट (राउज एवेन्यू कोर्ट) ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.