देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पेट्रोल-डीजल में होने वाली मिलावट पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई की है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इसकी रोकथाम के लिए क्या उपाय किए गए हैं. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने सॉलीसिटर जनरल रणजीत कुमार को पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
मिलावट करने वालों पर कार्यवाही हो:कोर्ट
कोर्ट ने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस ओर ध्यान दे और मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा कि क्या कुछ ऐसा हो सकता है कि पेट्रोल-डीजल वेंडिंग मशीन में कोई ऐसी व्यवस्था हो सकती है जो वो मिलावटी तेल पकड़ सके.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सैदाबाद से समाजवादी पार्टी के विधायक देवेंदर अग्रवाल के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी अग्रवाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होगी. बीएसपी की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय की तरफ से एक जनहित याचिका में ये कहा गया है कि हाथरस के पास सैदाबाद से विधायक देवेंदर अग्रवाल ने मिलावट खोरी करके कुछ सालों में कई सौ करोड़ रूपये कमाए हैं. याचिका में कहा गया है की अग्रवाल राशन में मिलने वाले केरोसीन तेल की हेराफेरी करते हैं और केरोसीन तेल को पेट्रोल-डीजल में मिलाते हैं
मिलावट का असर ग्रामीण इलकों में सबसे ज्यादा: कोर्ट
कोर्ट ने टिपण्णी करते हुए कहा की हालात ठीक नहीं है, और मिलावटखोरी बहुत ज़्यादा हो रही है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. केरोसीन तेल की कालाबाजारी हो रही है और ये गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. 2014 में दायर अपनी याचिका में सीमा उपाध्याय ने सीबीआई जैसी को स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी, और एलपीजी की तरह केरोसीन तेल की सब्सिडी भी सीधे ग्राहकों के खाते में भेजी जाए.