सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में यह साफ कर दिया है कि देश के किसी भी नागरिक को आधार कार्ड नहीं होने के कारण किसी लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि उन्हें इस आदेश का पालन करना होगा कि भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी आधार कार्ड के अभाव में किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा.
जज जे. चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को कहा, 'इस बीच, हमारे संज्ञान में लाया गया है कि विभिन्न प्राधिकार आधार पहचान पत्र के लिये दबाव डाल रहे हैं. हम किसी घटना विशेष का जिक्र नहीं कर रहे हैं. हम केंद्र और राज्यों के साथ ही सभी प्राधिकारियों से अपेक्षा करते हैं कि वे 23 सितंबर 2013 के आदेश का पालन करेंगे.' कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि कुछ प्राधिकारियों ने एक प्रपत्र जारी करके आधार को अनिवार्य बनाया है, लेकिन इसके बावजूद किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड नहीं होने की वजह से परेशानी नहीं होनी चाहिए.
मामले की सुनवाई शुरू होते ही एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद प्राधिकारी पट्टा विलेख और विवाह पंजीकरण आदि के मामलों में आधार कार्ड के लिए जोर दे रहे हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है. इस पर जजों ने कहा, 'इस तरह की घटनाएं हमारे संज्ञान में भी आई हैं.' उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके पहले के आदेश का प्राधिकारी पालन करें. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपके पास कोई बहाना नहीं है. सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बारे में पत्र लिखेगी.
पीएफ के आधार कार्ड जरूरी नहीं
सॉलिसीटर जनरल ने बाद में कोर्ट से कहा कि सभी राज्य इस मामले में पक्षकार हैं और ऐसी स्थिति में उन्हें न्यायिक आदेश पर अमल सुनिश्चित करने के लिए कहा जा सकता है. जिलाधिकारियों जैसे अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया जा सकता है. इस मामले की सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि इस परिपत्र के अनुसार बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीशों को भी प्राधिकारियों को आधार नंबर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. हालांकि एक वकील ने कहा कि यह मुद्दा अब खत्म हो गया है.
कोर्ट वेतन, भविष्य निधि वितरण और विवाह के साथ ही संपत्ति के पंजीकरण सहित अनेक मामलों में आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने के कुछ राज्य सरकारों के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में कोर्ट अब जुलाई के दूसरे सप्ताह में आगे विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुब्रमणियम से कहा कि वह निश्चित मामले का जिक्र करते हुए कोर्ट के आदेश के कथित उल्लंघन के लिए अंतरिम अर्जी दाखिल कर सकते हैं.
विस्थापितों को आधार कार्ड नहीं
कोर्ट ने कहा कि इस तरह का सामान्य आदेश उपयोगी नहीं होगा. हम आदेश पर अमल सुनिश्चित करने के लिए इस मामले विशेष पर गौर करेंगे. इससे पहले, कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा और यदि किसी व्यक्ति के पास आधार नहीं है तो उसे सरकारी लाभों और गैस कनेक्शन, वाहन पंजीकरण और भविष्य निधि जैसी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि अवैध विस्थापितों को आधार कार्ड जारी नहीं किए जाएं, क्योंकि इससे उनका प्रवास वैध हो जाएगा.
-इनपुट भाषा