जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आज सुबह 9:30 बजे से बैठक कर रही है. आमतौर पर बैठक सुबह 10:30 बजे शुरू होती है. इस व्यवस्था की सराहना करने वाले सीनियर वकील मुकुल रोहतोगी से जस्टिस ललित ने कहा कि अगर हमारे बच्चे 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते?
बता दें कि नए मुख्य न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट में कार्यभार संभालने में फिलहाल एक महीने से अधिक का समय बचा हुआ है. वर्तमान सीजेआई एन वी रमना अगस्त में सेवानिवृत्त होंगे. 26 अगस्त के बाद उनकी जगह जस्टिस ललित ही अगले सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
शुक्रवार को पीठ सामान्य अदालत के समय से एक घंटे पहले ही इकट्ठी हो गई थी और तेजी से मामलों का निपटारा करने में जुट गई. एक मामले में पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी के साथ शब्दों के आदान-प्रदान के दौरान जस्टिस ललित से पूछा कि पीठ को जल्दी बुलाने का क्या कारण है.
इस पर जस्टिस ललित ने कहा, ''अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं तो हम जज के तौर पर 9 बजे से काम क्यों नहीं कर सकते?'' जस्टिस ललित ने कहा, "मैं हमेशा सुबह 9 बजे काम शुरू करने और फिर 11 बजे कॉफी पीने के बाद दिन के लिए 2 बजे तक काम करने के पक्ष में हूं."
सीनियर वकील रोहतगी ने कहा- ये अच्छी कवायद है
रोहतगी ने जस्टिस ललित की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक अच्छी कवायद है और हम सभी को लंबे समय तक इसका पालन करना चाहिए. उन्होंने उदाहरण भी दिया कि राजस्थान हाई कोर्ट पहले से ही इसका पालन कर रहा है.
बता दें कि आमतौर पर कोर्ट अपने काम की शुरुआत सुबह 10:30 बजे शुरू करता है और दोपहर 1 बजे तक काम करता है. फिर दोपहर के भोजन के लिए एक छोटा ब्रेक लेता है और दोपहर 2 बजे से और मामलों के रोस्टर खत्म होने तक काम फिर से शुरू करता है.
कई बार लंबित मुकदमों को भी खत्म करने के लिए अदालतें देर शाम तक बैठ भी जाती हैं, लेकिन दिन के काम के लिए जल्दी बैठना नई पहल है.