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सीलिंग पर SC का टास्क फोर्स बनाने का निर्देश, तुरंत गिराएं अवैध निर्माण

कोर्ट ने कहा है कि आपको दोबारा मौका नहीं मिलेगा, बशर्ते आप मोहम्मद बिन तुगलक की तरह राजधानी शिफ्ट करना चाहते हों. उन्होंने कहा कि राजधानी में फायर सेफ्टी बहुत जरूरी है, उपहार और कमला मिल में क्या हुआ था ये सबको पता है.

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दिल्ली में जारी है सीलिंग पर जंग (फाइल)
दिल्ली में जारी है सीलिंग पर जंग (फाइल)

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राजधानी दिल्ली में सीलिंग मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर सख्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सरकार को टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि अवैध कालोनियों में भी सुधार किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि राजधानी में अवैध कब्जे को तुरंत हटाया जाए. इस मुद्दे की अगली सुनवाई अब 18 अप्रैल को होगी.

कोर्ट ने कहा है कि आपको दोबारा मौका नहीं मिलेगा, बशर्ते आप मोहम्मद बिन तुगलक की तरह राजधानी शिफ्ट करना चाहते हों. उन्होंने कहा कि राजधानी में फायर सेफ्टी बहुत जरूरी है, उपहार और कमला मिल में क्या हुआ था ये सबको पता है.

सुनवाई के दौरान राजधानी में गिरते जल स्तर पर चिंता जताते हुए जस्टिस मदन लोकुर की पीठ ने कहा है कि रेस्तरां में पानी की कितनी बर्बादी होती है ये सबको पता है, लगतार जल स्तर गिर रहा है. ऐसे में आने वाली जेनेरेशन का भविष्य ध्यान में रखना जरूरी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि अगर कोई निर्माण अवैध है तो तुरंत गिराएं और अगर वैध हो तो उसकी रक्षा करें. जब दिल्ली में एक्शन हो उन सब चीजों को देखा जाए, 30 साल से किसी नियम का पालन नहीं हुआ है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक ना बनाएं.

सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा है कि सभी की मीटिंग हुई है. सरकार ने कहा कि मॉनिटिरिंग कमेटी, DDA, MCD आदि सभी के नुमाइंदे बैठक में थे. इसके अलावा स्पेशल टास्क फोर्स बनाए जाने पर भी बात हुई है. पब्लिक रोड, फुटपाथ, लैंड से अवैध कब्जे तुरंत हटाए जाएंगे. कोर्ट ने सरकार के इस कदम पर सहमति जताई है.

गौरतलब है कि सीलिंग के मुद्दे ने राजधानी में राजनीतिक मोड़ ले लिया है. कांग्रेस-बीजेपी-आप लगातार इस मुद्दे पर एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं.

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