सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी एमएलए ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता को सीलिंग के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने के आरोपों से मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने सीलिंग के मामले में दोनों नेताओं के खिलाफ जारी अवमानना के मामले का भी निस्तारण कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश डीवीडी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने वो देख ली है. उसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा, जिससे कोर्ट के आदेश की अवमानना की कार्रवाई की जाए, क्योंकि विधायक और पार्षद अफसरों से बात तो कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई रोकने की कोशिश नहीं कर रहे.
जस्टिस लोकुर ने कहा कि हमने डीवीडी में एक खास बात गौर की है कि वहां एक पार्टी विशेष के झंडे लहराते हुए देखे गए. मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था. जबकि आप किसी भी प्रदर्शन में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर इन पदों की गरिमा और संवैधानिक संस्था की इंसल्ट नहीं कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं तो यह संस्था की बदनामी है.
वहीं, सीलिंग को लेकर दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में किसी भी पक्ष द्वारा हलफनामा दाखिल न करने पर कड़ी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सभी पक्ष हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे तब तक रोक जारी रहेगी. क्योंकि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो आपने बिना कोर्ट में हलफनामा दिए कैसे संशोधन किया और इस संशोधन की वजह से पर्यावरण पर पड़ने वाले असर का अध्ययन भी नहीं कराया. जबकि हमने पिछली सुनवाई में सरकार से हलफनामा दायर कर तफसील तलब की थी. लेकिन किसी भी पक्षकार ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई.