दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को प्रदूषण के मसले पर काम करने को कहा है, साथ ही निर्देश दिया है कि सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग ना हो.
प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं को डाला गया है, जिसपर अब दीवाली की छुट्टियों के बाद ही सुनवाई होगी.
अदालत में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रदूषण के मसले पर कई कमीशन काम कर रहे हैं, लेकिन ये पुख्ता करें कि शहर में स्मॉग ना हो. जिसपर SG ने कहा कि अधिकारियों को इस समस्या से निपटना चाहिए, उनके पास पैसा और शक्ति दोनों हैं.
अदालत में सरकार की ओर से बताया गया कि एयर क्वालिटी को लेकर जो कमीशन बनाया गया है, वो आज से काम करना शुरू कर देगा. जिसके बाद अदालत ने इस पूरे कमीशन के काम करने की जानकारी ली.
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इस दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील की ओर से कहा गया कि कमीशन के जो चेयरमैन हैं, वो पॉल्यूशन एक्सपर्ट नहीं हैं. ऐसे में ये स्थिति बदतर हो सकती है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रदूषण के मसले पर काम करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. जिसको लेकर नॉटिफिकेशन शुक्रवार को ही निकाला गया है, इस कमेटी का कार्यकाल तीन साल रखा गया है.
त्योहारों के बीच बिगड़ी दिल्ली की स्थिति
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के मौसम और त्योहार के आते ही फिर प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है. दिल्ली-NCR का AQI काफी अधिक हो गया है. हाल ही में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दीवाली पर पटाखे बैन करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा कई कैंपेन चलाए जा रहे हैं.
अगर आज की ही बात करें तो शुक्रवार की सुबह दिल्ली में हवा गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया जो कि 'गंभीर' श्रेणी माना जाता है. शुक्रवार की सुबह दिल्ली के आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 442, आरके पुरम में 407, द्वारका में 421 और बवाना में 430 रहा.