सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को सैकड़ों याचिकाओं की छंटनी करने और जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट की सुनवाई के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया, जब चीफ जस्टिस यूयू ललित बिफर गए और एक वकील को कड़ी फटकार लगा दी. CJI की नाराजगी के बाद वकील ने कोर्ट से माफी मांगी.
दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) को चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाओं की छंटनी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने सरकार को याचिकाओं की छंटनी के लिए चार हफ्तों की मोहलत दी है. इन चार हफ्ते में सरकार को छंटनी के साथ सभी दाखिल याचिकाओं पर अपना जवाब भी पेश करना होगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी.
याचिकाओं की छंटनी करना जरूरी
इसके साथ ही केंद्र सरकार के जवाब की कॉपी मिलने के दो हफ्ते में पक्षकारों को रिस्पॉन्स दाखिल करना होगा. सोमवार दोपहर बाद इस मामले में जब सुनवाई शुरू हुई तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार की ओर से कुछ जवाब आ गए हैं, लेकिन कुछ जवाब अभी बाकी हैं. याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाओं की छंटनी करनी जरूरी है.
याचिकाओं की छंटनी के बाद कोर्ट को अपडेट करेंगे
याचिकाकर्ताओं में से एक और वकील मनोहर लाल शर्मा (ML Sharma) ने कहा कि वकीलों के लिए बहस का समय तय हो. पहले दी गई दलीलों का दोहराव ना हो. तुषार मेहता ने कहा कि वो याचिकाओं की छंटनी कराने के बाद कोर्ट को अपडेट करेंगे. हम अभी याचिका की मेरिट पर बात करने नहीं जा रहे हैं.
'इस कोर्ट में कुछ नकलची...'
सीजेआई जस्टिस ललित ने कहा कि छंटनी होने से सुनवाई आसान हो जाएगी, इसलिए जरूरी है. कपिल सिब्बल ने कहा कि वो इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल के साथ बैठकर छंटनी कर सकते हैं. इसी बीच, वकील एमएल शर्मा ने कहा कि इस कोर्ट में कई नकलची दानव बैठे हैं. वो सिर्फ याचिका की कॉपी कर अपने नाम से दाखिल कर देते हैं.
सीजेआई बोले- ये बात करने का तरीका नहीं, शब्द वापस लो
सीजेआई ने कॉपी कैट मॉन्स्टर शब्द के लिए एमएल शर्मा को फटकार लगाई कि ये कोर्ट में बात करने का कोई तरीका नहीं है. ये क्या तरीका है- ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने का. आप अपने शब्द वापस लीजिए. फिर मनोहर लाल शर्मा ने माफी मांगी और अपने शब्द वापस लेने की बात कही.
चार हफ्तों में छंटनी के बाद जवाब दाखिल करने के आदेश
चीफ जस्टिस यूयू ललित ने आदेश लिखाया कि सॉलिसिटर जनरल का कार्यालय चार हफ्ते में याचिकाओं की छंटनी करने के बाद कोर्ट को सूचित करेगा. फिर वो कॉपी सभी पक्षकारों को दी जाएगी. पहला चरण यानी छंटनी पूरी होने के बाद दो हफ्ते पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए मिलेंगे.