राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े कदम के संकेत दिए है. शीर्ष अदालत 2000 सीसी से ज्यादा की डीजल गाडियों पर जहां बैन लगाने की तैयारी में है, वहीं कमर्शियल गाड़ियों पर दोगुना पर्यावरण टैक्स भी लगाया जा सकता है. इस ओर बुधवार को फैसला आएगा.
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को यह भी स्पष्ट किया है कि कोर्ट इस ओर अपनी ओर से कोई आदेश नहीं देगा. मंगलवार को कोर्ट ने एमएक्स क्यूरी हरीश साल्वे के कई सुझावों पर सैधांतिक रूप से सहमति जताई है.
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट दिल्ली में छोटे व्यवसायिक वाहनों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति कर 700 से बढ़ाकर 1400 और बड़े वाहनों के लिए 1300 से बढ़ाकर 2600 रुपये करने की तैयारी में है.
राजधानी में नहीं चलेंगी डीजल गाड़ियां!
इसके साथ ही कोर्ट 2000 सीसी से अधिक की लग्जरी और एसयूवी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बंद करने का आदेश दे सकती है. यही नहीं, दिल्ली में डीजल पर चलने वाली टैक्सी सीएनजी में बदली जाए, इसके लिए भी निर्देश दिए जाएंगे. गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में नए फॉर्मूले के तहत पहले ही प्राइवेट डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन बंद करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
खुले में नहीं जलेगा कूड़ा
अदालत ने कहा कि दिल्ली में खुले में कूड़ा नहीं जलाने के कानून पर भी सख्ती से पालन होना चाहिए. साथ ही दिल्ली के आस पास के राज्यों में फसल को जलाने पर भी पूरी तरह रोक लगनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ऐसे सभी उपाय किए जाएं ताकि धूल गर्द हवा में ना उड़े.
पर्यावरण पर बनी सुप्रीम कोर्ट की समिति की सदस्य सुनीता नारायण ने बताया कि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह सम-विषम फॉर्मूले पर अपनी ओर से कोई औपचारिक आदेश नहीं देगी. कोर्ट ने कहा, 'यह सरकार का फैसला है और वो ही इसे देखे और लागू करे.