सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और अन्य राज्यों में पटाखों पर बैन हटाने की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को सांस लेने दें. जश्न मनाने के और भी तरीके हैं. मिठाई पर पैसा खर्च करें. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पटाखा बनाने वाली कंपनी की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया.
दरअसल, त्योहारों के सीजन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में हर तरह के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इतना ही नहीं दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर जुर्माना भी देना होगा. अगर राजधानी में कोई भी शख्स पटाखे फोड़ता पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं उसे 6 महीने जेल में भी काटने पड़ सकते हैं. पटाखा व्यावसायियों ने दिल्ली सरकार के इस कदम का विरोध जताया था. दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
पटाखा बनाने वाली कंपनी ने याचिका दाखिल कर पटाखों के खिलाफ पूर्ण बैन के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से इसपर सुनवाई से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है इसलिए हम सुनवाई नहीं कर सकते.
मनोज तिवारी ने लगाई SC में याचिका
दिल्ली सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पटाखों के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की अपील की. याचिका में कहा गया है कि साल 2021 में कई राज्यों ने पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले के कारण दिवाली की शाम हिंदुओं को निशाना बनाया गया और उनकी गिरफ्तारियां की गई थीं. साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक डिटेल ऑर्डर पास किया था. इसमें ये साफ किया गया था कि पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और बैलेंस रखना होगा.
याचिका में ये भी कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने अब फिर से औरंगजेब की तरह पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. व्यापारियों को पहले ही कोरोना के कारण बड़ा झटका लगा है. अब दिल्ली सरकार के इस फैसले से व्यापारियों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो जाएगा.