सुप्रीम कोर्ट को दो नए जज मिलने जा रहे हैं. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाले पांच जजों के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को भेजी सिफारिश में गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस जमशेद बी परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने पर अपनी सहमति जताई है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट में सात वकीलों को जज नियुक्त करने की सिफारिश भी की है.
जस्टिस परदीवाला के सुप्रीम कोर्ट आते ही उनका नाम सुप्रीम कोर्ट पीठ में चौथे पारसी जज के रूप में दर्ज हो जाएगा. जस्टिस परदीवाला के शपथ लेने के साथ ही ये भी तय हो जाएगा कि वो अपनी बारी आने पर सवा दो साल सीजेआई भी रहेंगे. उनके जज बनने के साथ ही 2017 में जस्टिस सैयद अब्दुल नज़ीर की नियुक्ति के पांच साल बाद सुप्रीम कोर्ट में अल्पसंख्यक समुदाय से जज बनाए जाने की मिसाल होगी.
ऐसे में पांच साल बाद सुप्रीम कोर्ट में अल्प संख्यक समुदाय से कोई जज शपथ लेंगे. इसी के साथ उत्तराखंड हाईकोर्ट से दूसरे जज सुप्रीम कोर्ट बेंच का हिस्सा बनेंगे. बता दें कि अगले कुछ दिनों में जस्टिस विनीत शरण फिर जून में एल नागेश्वर राव, जुलाई में जस्टिस खानविलकर, अगस्त में चीफ जस्टिस रमणा, सितंबर में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, अक्तूबर में जस्टिस हेमंत गुप्ता और नवम्बर में जस्टिस यूयू ललित चीफ जस्टिस के रूप में रिटायर होने वाले हैं.
इन दो जजों की सिफारिश के बाद जस्टिस रमणा के प्रधान न्यायाधीश रहते हुए पिछले साल अगस्त से लेकर अब तक 11 जजों को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने का रिकॉर्ड भी दर्ज होगा. क्योंकि तीन महिला जजों सहित 9 जजों ने पिछले साल 31 अगस्त को एक ही दिन शपथ ली थी.
इसी कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में दस नए और स्थायी चीफ जस्टिसेज की नियुक्ति की भी सिफारिश की जिन्हें सरकार ने मान लिया. जबकि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सीजेआई रमणा की अगुआई में तीन वरिष्ठतम जजों के कॉलेजियम ने विभिन्न हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 180 नामों की सिफारिश की थी. उनमें से 162 की नियुक्ति हो भी चुकी है.