सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. मामला निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के उत्थान और मौलिक सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए कर के तौर पर जनता से वसूले गए अरबों रुपयों का है. इन रुपयों के इस्तेमाल की सही जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है, लिहाजा कोर्ट ने चारों राज्यों अभी तक उठाए कदमों की जानकारी देने के लिए विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह हजारों मजदूरों को लाभ देने का दावा कर रही है, लेकिन ऐसे 10 नाम भी राज्य सरकार नहीं बता पा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से लाभ प्राप्त करने वालों की लिस्ट, पता सहित दाखिल करने को कहा है.
साल 1996 में बनाए गए केन्द्रीय कानून के तहत निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के वेलफेयर के लिए राज्य सरकारें कर वसूल करती हैं. यूपी ने 2009 से लेकर आज तक 1671 करोड़ रुपये वसूला है, जिसे वेलफेयर के लिए लगाना था.