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EXCLUSIVE: दिल्ली में ट्रकों से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुई जंग

पूरे सर्वे की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए तीन हाईटेक नाइट विज़न कैमरे भी लगाए गए, यह सर्वे 24 घंटे तक चलेगा. टीम के सदस्य ट्रक चालकों से उनकी बिल्टी जांचते हैं, जिससे पता चल सके कि ट्रक को सामान कहां उतारना है. इससे जानकारी मिल जाती है कि ट्रक को दिल्ली में काम है या दिल्ली के बाहर.

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24 घंटे तक चलेगा सर्वे
24 घंटे तक चलेगा सर्वे

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब उससे लड़ने की कोशिशें भी तेज़ हो गई हैं. साउथ एमसीडी ने वान इंफ्रा नाम की कंपनी को दिल्ली में सर्वे करने की जिम्मेदारी दी जिसका काम होगा दिल्ली में आने वाले ऐसे ट्रकों की जानकारी जुटाना जिनका दिल्ली में कोई काम नहीं है. ये वह ट्रक हैं जो दूसरे राज्यों में जाने के लिए दिल्ली से होकर जाते हैं. ये सर्वे आधी रात को शुरु हुआ जिसकी एक्सक्लूसिव तस्वीरें 'आजतक' ने अपने कैमरे में कैद की हैं.

वान इंफ्रा की टीम रात 12 बजे गाजीपुर टोल बूथ पर अपनी टीम के साथ सर्वे शुरू किया. इस दौरान पूरे सर्वे की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए तीन हाईटेक नाइट विज़न कैमरे भी लगाए गए, यह सर्वे 24 घंटे तक चलेगा. टीम के सदस्य ट्रक चालकों से उनकी बिल्टी जांचते हैं, जिससे पता चल सके कि ट्रक को सामान कहां उतारना है. इससे जानकारी मिल जाती है कि ट्रक को दिल्ली में काम है या दिल्ली के बाहर.

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सर्वे के दौरान टीम के सदस्य सारी जानकारी एक फॉर्म में भरते जाते हैं. फॉर्म में जो जानकारी भरी जाती है उसमें ट्रक का नंबर, ट्रक में क्या माल है, माल का वज़न कितना है, ट्रक चालक ने ईसीसी का भुगतान किया है या नहीं, जैसी जानकारी जुटाई जाती है. लेकिन सबसे ज़्यादा ज़रूरी जानकारी होती है कि ट्रक कहां से माल लेकर आ रहा है और उसे माल की डिलेवरी कहां देनी है, इस सर्वे की जानकारी साउथ एमसीडी को भेजी जाएगी. इससे पता लगाने में आसानी होगी कि ऐसे कितने ट्रक हैं जिनका दिल्ली में काम हैं और ऐसे कितने ट्रक दिल्ली से होकर जा रहे हैं जिनका काम दिल्ली में ना होकर पड़ोसी राज्यों में है.

प्रदूषण की बड़ी वजह बने ट्रक

दिल्ली में प्रदूषण की एक बड़ी वजह है ऐसे ट्रकों का दिल्ली में दाखिल होना जिनका काम दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में है लेकिन कोई दूसरा रास्ता ना होने के कारण वो दिल्ली से होकर जाने को मजबूर हैं. पर्यावरण के लिए काम करने वाली तमाम संस्थाओं ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए इन ट्रकों को जिम्मेदार बताया है क्योंकि इनमें से ज़्यादातर ट्रक काफी पुराने होते हैं और प्रदूषण भी ज़्यादा फैलाते हैं. हालांकि ऐसे ट्रकों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए दिल्ली के बाहरी हिस्से में वेस्टर्न और ईस्टर्न पेरिफेरल हाइवे बनाने का काम चल तो रहा है लेकिन उसकी सुस्त रफ्तार का खामियाज़ा दिल्ली वालों को भुगतना पड़ रहा है.

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