26 जनवरी से पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से दो संदिग्ध आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया. जिनकी निशानदेही पर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को भलस्वा स्थित एक प्लॉट में बने झोड़ से शव के टुकड़े बरामद किए. शव को 8 से 9 टुकड़ों में काटा गया था. इससे पहले पुलिस ने इनके भलस्वा डेयरी इलाके स्थित ठिकाने से दो हैंड ग्रेनेड और हथियार बरामद किए थे. यहां दीवारों पर खून के निशान भी मिले थे. दोनों संदिग्धों ने विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर एक शख्स का गला काटा और उसकी लाश के कई टुकड़े करके भलस्वा डेरी इलाके में फेंक दिए थे.
चौंकाने वाली बात यह है कि जहां दंगा हुआ है, वहां दिल्ली पुलिस की आंख में धूल झोंक कर महीनों से अपना ठिकाना बनाया हुआ था. लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. बता दें कि जुलाई 2022 में जहांगीरपुरी में राम नवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. उसके बाद से इलाके में लोकल पुलिस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की खुफिया इकाई की स्पेशल ब्रांच लगातार एक्टिव थीं.
इसके बावजूद आरोपी नौशाद और जगजीत ने यहां अपना ठिकाना बनाया हुआ था. दिल्ली पुलिस के दावों के मुताबिक दोनों ने भलस्वा में किराए का मकान लिया. एक संदिग्ध आतंकी ने शख्स का गला काटा. हैंड ग्रेनेड जुटाए, लेकिन दिल्ली पुलिस को कुछ पता नहीं चला. जबकि इस इलाके में दंगों के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए रोजाना रेड की जाती थी.
जिस मकान में नौशाद और जगजीत रहते थे. उसके मालिक पूरन चंद का कहना है कि नौशाद किराए पर रह रहा था, कुछ महीनों से जगजीत भी यहां आकर रहने लगा था. पूरन चंद ने बताया कि 6-7 महीने पहले 2 महिलाएं आईं थी. किराए पर कमरा मांगा, पहचान पत्र नहीं दिया था. अब पुलिस ने रेड की, कोर्ट में मकान मालिक का बयान करवाया. पूरन चंद का आरोप है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. आईडी प्रूफ के सवाल पर उन्होंने कहा कि नौशाद तो इस इलाके में सालों से रह रहा है, जब से वह जेल से छूट कर आया है, तब से यहीं है.
सूत्रों के मुताबिक इस केस में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का रोल भी सामने आया है. हत्या का 37 सेकेंड का एक वीडियो पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े सोहेल को भेजा गया था. सोहेल को ISI हैंडल कर रही है. नौशाद की मुलाकात जेल में लाल किले पर हमले के आरोपी आरिफ मोहम्मद और एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सोहेल से हुई थी.
सोहेल 2018 में पाकिस्तान चला गया था. नोशाद अप्रैल 2022 में जेल से बाहर आने के बाद सोहेल और जगजीत के संपर्क में था. सोहेल ने नौशाद को प्रभावशाली हिंदुओं की हत्या का काम सौंपा था. जबकि जगजीत सिंह को खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कहा गया था. इसके लिए नौशाद को उसके अकाउंट में 2 लाख रुपए भेजे गए. ये पैसा उसके साले के जरिए भेजा गया, जो कतर में रहता है.