आम आदमी पार्टी से आशुतोष के इस्तीफे पर रहस्य अब भी बरकरार है. सूत्रों के मुताबिक 15 अगस्त की सुबह सोशल मीडिया पर त्यागपत्र की घोषणा के बाद आशुतोष और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की फोन पर बातचीत हुई थी, बावजूद इसके आशुतोष ने अपना फैसला वापस लेने से साफ इनकार कर दिया. सूत्रों की मानें तो अब आशुतोष का आम आदमी पार्टी में लौटना संभव नहीं है.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आशुतोष फिलहाल हिमाचल में छुट्टियां मना रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 'आप' नेता संजय सिंह, गोपाल राय और दिलीप पांडेय आशुतोष से नॉएडा में उनके घर पर मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन ये बातचीत भी पूरी तरह फेल रही.
हैरानी की बात ये है कि आशुतोष ने इसी साल जून के महीने में आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमिटी (PAC) को अपना इस्तीफा भेज दिया था, लेकिन पार्टी नेता कह रहे हैं कि इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है और आशुतोष को मनाने की कोशिश अब भी जारी है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि वो कौन सी वजह थी, जिसने आशुतोष को पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया.
दिलचस्प सवाल यह भी है कि आशुतोष और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच फोन पर क्या बातचीत हुई. क्योंकि केजरीवाल ने आशुतोष का इस्तीफा मंजूर करने से इनकार कर दिया था. आशुतोष ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया था, जिसके जवाब में केजरीवाल ने भी ट्वीट किया और लिखा कि हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर सकते हैं.
आशुतोष ने 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी. उन्होंने 2014 में ही दिल्ली की चांदनी चौक से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा हाल ही में राज्यसभा सीट को लेकर उनके पार्टी के साथ टकराव सामने आया था. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आम आदमी पार्टी आशुतोष को राज्यसभा भेज सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था.
15 अगस्त को इस्तीफ़े के एलान पर 'आजतक' ने आम आदमी पार्टी के नेताओं से आशुतोष की नाराज़गी पर सवाल पूछे थे. राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता से जब पूछा गया कि क्या आशुतोष तब से नाराज़ हैं जब से राज्यसभा के लिए पार्टी में सीटें तय होनी थी? सुशील गुप्ता ने जवाब देते हुए कहा कि 'वो(आशुतोष) नाराज़ होंगे, मैं मना नहीं करता लेकिन मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.'
वहीं, गोपाल राय राज्यसभा टिकट न मिलने से आशुतोष की नाराजगी पर कहा था कि ये बहुत पुरानी बात है, कोई नाराज़गी नहीं है.
आशुतोष का इस्तीफा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ा झटका हो सकता है. क्योंकि 2015 में दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर जीत के पीछे आशुतोष की अहम भूमिका रही थी. हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता अब भी आशुतोष को मनाने की बात कर रहे हैं लेकिन जिस तरह आशुतोष हिमाचल में छुट्टियों के लिए पहुंचे हैं, वो पार्टी नेताओं के लिए एक इशारा भी हो सकता है.