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दिल्ली: जौहरी की आत्महत्या मामले में DRI के चार अफसरों पर शक: अदालत का समन

कोर्ट ने कहा कि कोई भी गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ न हो, प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने कहा कि पूछताछ के लिए बुलाए गए सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड अलग से रखा जाना चाहिए, आरोपी से पूछताछ का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड होना चाहिए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

2018 में दिल्ली के जौहरी गौरव गुप्ता की राजस्व खुफिया निदेशालय यानी DRI कार्यालय में आत्महत्या कर लेने के मामले में दक्षिण दिल्ली की साकेत कोर्ट ने DRI के चार अधिकरियों को बतौर आरोपी समन जारी किया है. साकेत कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दाखिल चार्ज शीट पर संज्ञान लेते हुए परमिंदर, निशांत, मुकेश और रविंद्र को समन जारी किया है. अदालत ने डीआरआई अफसरों को कानून तोड़ने का आरोपी माना है. साकेत कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को करनी तय की है.

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DRI के इन्हीं चारों अधिकारियों ने गौरव गुप्ता से DRI के दफ्तर में पूछताछ की थी. सुनवाई के दौरान इस मामले में कोर्ट ने भी माना कि गौरव गुप्ता की हत्या नहीं की गई थी. यानी मामला आत्महत्या का था. कोर्ट ने माना था कि गौरव गुप्ता और उसके पिता को बिना समुचित प्रक्रिया अपनाए DRI दफ्तर ले जाया गया था.

साकेत कोर्ट ने माना कि दोनों की हिरासत अवैध थी. लिहाजा कोर्ट ने निदेशालय को निर्देश दिया कि वह छापेमारी के दौरान अधिकारियों के लिए बने दिशानिर्देशों पर फिर से विचार करे. कोर्ट ने कहा कि पुलिस जैसी एजेंसियों के लिए गाइडलाइंस और सेफगार्ड हैं. लेकिन DRI के लिए ऐसा कुछ नहीं है.

कोर्ट ने अफसरों के लिए गाइडलाइंस को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किया. कोर्ट ने कहा कि छापेमारी के लिए गई टीम वीडियो रिकॉर्डिंग करे और उसको संरक्षित रखा जाए. आरोपी को कानूनी मदद मिले. आरोपी को वकील से बात करने दी जाए और वकील ना हो तो मुफ्त कानूनी सलाह भी मुहैया कराई जाए.

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कोर्ट ने कहा कि कोई भी गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ न हो, प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने कहा कि पूछताछ के लिए बुलाए गए सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड अलग से रखा जाना चाहिए, आरोपी से पूछताछ का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड होना चाहिए.

कोर्ट ने  IPC की धारा 323/341/166/352/ 362/348/306/330/34 के तहत चार्जशीट दाखिल की है. गौरव के पिता अशोक गुप्ता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था. गौरव के पिता ने DRI ऑफिस में अपने बेटे गौरव गुप्ता की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था. गौरव के पिता ने कहा था कि पूछताछ के दौरान उनके बेटे को पीटे जाने और उसके रोने की आवाजें आ रही थीं.

जांच में हत्या का आरोप स्थापित नहीं हुआ और मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का बना. कोर्ट को तय करना है कि गौरव ने अपनी मर्जी से आत्महत्या की या डीआरआई ऑफिस में उसको आत्महत्या के लिए उकसाया या मजबूर किया गया.

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