दिल्ली गैंगरेप केस में 25 जुलाई को आने वाला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला टल सकता है. इसका कारण है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने नाबालिग की उम्र 16 साल करने को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई है, जिसपर सुनवाई 31 जुलाई को होनी है.
लिहाजा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर सकता है. इससे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड गैंगरेप से पहले बस में हुई डकैती के एक मामले में फैसला सुना चुका है और अब गैंगरेप पर फैसला आना है.
आरोपियों के वकील ए के सिंह का कहना है, उसे 3 साल तक ऑब्जर्वेशन हाउस में रखा जा सकता है. आरोपी नाबालिग है इसलिए उसके लिए उसकी सजा वही है.
साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट में बाकी के 4 आरोपियों की सुनवाई भी कुछ दिनों में पूरी होनी है. इस मामले के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ में ही आत्महत्या कर ली थी. उम्मीद है कि साकेत कोर्ट भी अगले महीने तक अपना फैसला इस मामले पर सुना दे.