केंद्रीय बजट पर बोलते हुए स्वराज इंडिया प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा कि इस साल 2017-18 के बजट में भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कोई प्रावधान या नीति नहीं बनाई गई. इस बार भी किसानों से वही झूठे वादे किए गये जो 2016-17 के बजट में किए गये थे.
दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद में बोलते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों को क़र्ज़ा देने के लिए राशि की मात्रा को 9.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ कर दिया गया. ये क़र्ज़ा भी सरकार द्वारा नहीं बल्कि बैंकों द्वारा दिया जाएगा. हर वर्ष हर बजट में क़र्ज़ की राशि बस इसी दर से बढ़ रही है. लेकिन यह नहीं बताया गया की यह राशि छोटे, मध्य स्तरीय व किराये पर काम करने वाले किसानों में किस प्रकार आवंटित की जाएगी जो कृषि समुदाय के 86% हिस्से के अंतर्गत आते है.
2016-17 के बजट में किसानों की ब्याज माफ़ी के लिए ख़र्च की गई राशि की मात्रा को 18,822 करोड़ से घटाकर 2017-18 के बजट में 15,300 करोड़ किया गया. योगेंद्र यादव ने कहा कि ये बजट इंश्योरेंस कंपनियों के लिए उपहार है. PMFBY पर 13,240 करोड़ की राशि ख़र्च तो की गई लेकिन इसका लाभ बस 26.5% किसानों को ही मिला. यह सारी राशि बीमा कंपनियों को चली गई. कहीं भी यह नहीं बताया गया की किसानों की फ़सल बर्बादी पर उन्हें कितना मुआवज़ा मिलेगा.