स्वराज अभियान संगठन के सूत्रों के मुताबिक 31 जुलाई को संगठन के संस्थापक योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. दिल्ली में इस संगठन की एक बैठक होने जा रही है. इस बैठक के दौरान करीब एक हजार प्रतिनिधि नई पार्टी बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं.
सौ से ज्यादा जिलों में निर्वाचित इकाई
आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने स्वराज अभियान संगठन बनाया था, लेकिन इसे राजनीतिक पार्टी नहीं बनाई थी. अब 31 जुलाई को होने वाली मीटिंग में इस बात का ऐलान हो सकता है.
फिलहाल स्वराज अभियान की छह से ज्यादा राज्यों और सौ से ज्यादा जिलों में निर्वाचित इकाई बन चुकी है.
बरकरार रहेगा स्वराज अभियान संगठन
स्वराज अभियान द्वारा किसानों से लेकर कई अहम मुद्दों को अलग-अलग राज्यों में उठाया जा चुका है. इसी के साथ महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में नई इकाई चुनने का काम भी पूरा कर लिया गया है. पार्टी के नाम में 'स्वराज' शब्द की झलक देखने मिल सकती है, हालांकि राजनीतिक दल बनने के बाद भी स्वराज अभियान संगठन बरकरार रहेगा.
केजरीवाल से नाराज लोग हुए शामिल
स्वराज अभियान में कई ऐसे लोग भी जुड़े थे, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नाराज थे. आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद स्वराज अभियान ने 100 जिलों में प्रतिनिधि बनाएं, जिनका काम लोगों की समस्या का निवारण करना तो था ही, साथ में ऐसे लोगों का चुनाव करना भी था, जो संगठन की नीतियों पर चल सकें.
चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं संगठन के कई लोग
इसके लिए एक हजार लोगों को चुना गया, अब ये लोग तय करेंगे कि स्वराज अभियान को चुनाव में उतरना चाहिए या नहीं. स्वराज अभियान से जुड़े कई नेता भी चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और गोवा के अलावा दिल्ली के एमसीडी के चुनाव में भी उतरने की मांग की जा रही है.
MCD चुनाव में उतरने की तैयारी
जाहिर है स्वराज अभियान की नजर साल 2017 में होने वाले दो बड़े चुनाव, पंजाब और दिल्ली नगर निगम पर है. सूत्रों के मुताबिक स्वराज अभियान की राजनीतिक पार्टी दिल्ली में अगले साल होने वाले MCD चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है, हालांकि इससे पहले पंजाब को लेकर भी स्वराज अभियान की चर्चा जोरों पर है.