'जवाब दो, हिसाब दो' केंद्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ स्वराज इंडिया की नई मुहिम चलेगी. इस मुहिम में जवाब वोट का और काम का मांगा जाएगा. जवाब इस नारे के साथ कि दिल्ली में 'तीन सरकार तीनों बेकार, क्या होगा इसका उपचार' दिल्ली में महीने भर चलने वाली इस मुहिम का आगाज 15 जनवरी से हो रहा है. इसका समापन 12 फरवरी को रामलीला मैदान में होगा.
दस लाख घरों से सीधे संवाद
इस मुहिम के तहत दिल्ली के दस लाख घरों से स्वराज इंडिया का सीधा संवाद होगा. संवाद के जरिए लोगों की समस्याओं को समझकर सार्थक समाधान की ओर नई पहल होगी. योगेंद्र यादव ने 12 फरवरी को ऐतिहासिक रामलीला मैदान पहुंचने का नारा दिया. महीने भर की मुहिम के बाद रामलीला मैदान में होने वाले सम्मेलन के साथ स्वराज इंडिया का एमसीडी चुनावों का बिगुल बजेगा.
एमसीडी चुनाव प्रचार का बिगुल
कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर-मंतर पर विशाल रैली करने के बाद अब स्वराज इंडिया ने रामलीला मैदान में अगला बड़ा कार्यक्रम करने रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ऐलान किया कि 12 फरवरी को स्वराज इंडिया दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान से एमसीडी चुनाव प्रचार का बिगुल फूंकेगा. पिछले 18 दिसंबर को कालेधन के खिलाफ हल्ला बोल रैली के दौरान ही योगेंद्र यादव ने अपने भाषण में रामलीला मैदान का इशारा कर दिया था.
12 फरवरी तक चलगी मुहिम
12 फरवरी को रामलीला मैदान पर होने वाले कार्यक्रम को सार्थक और रिजल्ट ओरिएंटेड बनाने के लिए नवगठित पार्टी स्वराज इंडिया ने महीने भर दिल्ली के घर-घर जाकर संवाद स्थापित करने की योजना बनाई है. योजना का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों के साथ संवाद के जरिए उनकी समस्या समझना और फिर सार्थक समाधान के लिए काम करना है. 12 फरवरी तक चलने वाले इस मुहीम का नाम 'जवाब दो, हिसाब दो' है, जिसमें दिल्ली का आम आदमी सरकार और जनप्रतिनिधियों से अपने सवालों का जवाब मांगेगा, अपने वोट का हिसाब मांगेगा. स्वराज इंडिया ने दिल्ली के दस लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य बनाया है.
महीने भर चलने वाले इस मुहिम के बाद दिल्ली की दशा का एक सच्चा आईना देश के सामने होगा. यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली के कितने लोग किन समस्याओं से त्रस्त हैं. 'जवाब दो, हिसाब दो' मुहिम से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि 12 फरवरी को किन मुद्दों पर रामलीला मैदान में आवाज बुलंद होगी.
उठाए जाएंगे गंभीर मुद्दे
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा, 'दिल्ली में केंद्र, राज्य और निगम स्तर पर तीन सरकारें हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि सबने दिल्ली को त्याग रखा है. जनता से जुड़े असल समस्याओं पर काम करने में किसी की रुचि नहीं है. आज दिल्ली का आम आदमी 'तीन सरकार, तीनों बेकार' के नारे लगा रहा है. स्वराज इंडिया ऐसी परिस्थिति में दिल्ली के लिए एक सार्थक एजेंडा देगी. सफाई और स्वच्छता जैसे आम जनता से जुड़े कई ऐसे गंभीर मुद्दे हैं, जो सीधा एमसीडी के कार्यक्षेत्र में आते हैं. स्वराज इंडिया दिल्ली के आगामी एमसीडी चुनावों को मुद्दों का चुनाव बनाएगी, जो कि अब तक नहीं होता आया है क्योंकि निगम और पंचायतों जैसे स्वराज के असल मॉडल में देश की राजनीतिक पार्टियों की कभी रूचि ही नहीं रही है.'