निचली अदालत से लगातार जमानत खारिज होने के बाद दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन ने अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करके इस मामले में 5 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली पुलिस को हाई कोर्ट को अपने जवाब में उन पुख्ता कारणों को बताना होगा जिनके आधार पर वो ताहिर हुसैन को जमानत देने का विरोध कर रही है. ताहिर हुसैन की जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट में 11 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.
दिल्ली पुलिस इस मामले में निचली अदालत में ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी का लगातार विरोध कर रही है. इसी आधार पर कड़कड़डूमा कोर्ट से कई बार ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. निचली अदालत ने ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि अगर दिल्ली दंगों से जुड़े इस संवेदनशील मामले में फिलहाल जमानत दी गई तो वो सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. निचली अदालत से कोई राहत न मिलते देख ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है
बता दें कि आईबी से जुड़े अंकित शर्मा की हत्या मामले में पुलिस ने तीन जून को कड़कड़डूमा कोर्ट में ताहिर हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में कोर्ट को बताया है कि इसी साल 24 और 25 फरवरी को ताहिर हुसैन ने अपने घर और चांद बाग पुलिया के पास मस्जिद से भीड़ का नेतृत्व किया था जिसने बाद में सांप्रदायिक रूप लिया. दिल्ली पुलिस ने जिन 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है उनमें ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड में से एक बताया है.
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चार्जशीट में जिस तरह के गंभीर आरोप हैं उसके चलते ही आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद रहे ताहिर हुसैन की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि कैसे ताहिर हुसैन ने ही चांद बाग इलाके में भीड़ को उकसाया. दिल्ली पुलिस ने अंकित शर्मा के पिता और परिजनों के बयान पर ही ताहिर हुसैन के खिलाफ केस दर्ज किया था.