टेरी ने यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे आर. के. पचौरी को छुट्टी पर भेज दिया है. पचौरी की फिर से टेरी में कार्यकारी उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद विरोध हो रहा है. वह सात मार्च को टेरी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि छात्रों के एक समूह ने उनसे डिग्री लेने से इनकार कर दिया है.
पचौरी की फिर से नियुक्ति पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए टेरी के पूर्व छात्रों ने कहा कि इससे संस्थान की छवि धूमिल होगी. वहीं, प्रख्यात वकील इंदिरा जयसिंह ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए हैरानगी जताई है कि अपने हाथों में शक्ति रखने के बावजूद उसने उन्हें क्यों नहीं हटाया.
जयसिंह ने कहा कि सरकार से टेरी सोसाइटी को काफी मात्रा में धन आता है. कोष मुहैया करने वाली अपनी क्षमता के मुताबिक सरकार के पास बोर्ड से यह सवाल पूछने का अधिकार है कि क्यों नहीं उनके (पचौरी के) खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि जहां तक विश्वविद्यालय की बात है तो यह डीम्ड है जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत है.
यौन उत्पीड़न के कई आरोपों का सामना करने के बावजूद विश्वविद्यालय के कुलपति पचौरी को हाल में एक नव सृजित पद पर नियुक्त कर दिया गया था. इस कदम की विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों एवं देशभर की महिला कार्यकर्ताओं ने कड़ी आलोचना की.
टेरी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति राजीव सेठ ने कहा कि हां वह छुट्टी पर हैं. मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि टेरी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के तौर पर वह छुट्टी पर हैं. उन्होंने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह सात मार्च को है. पचौरी उसमें हिस्सा नहीं लेंगे.
यह पूछे जाने पर कि पचौरी की अनुपस्थिति में कुलपति का पद कौन संभालेगा, राजीव सेठ ने कहा कि चूंकि किसी भी विश्वविद्यालय के दैनिक मामले कुलपति देखते हैं, पचौरी के छुट्टी पर जाने से किसी भी तरह से संस्थान का कामकाज प्रभावित नहीं होगा.
बाहरी जांचकर्ता करेगा शिकायतों की जांच
संस्थापक आर. के. पचौरी के इर्द-गिर्द पनपे विवादों के मद्देनजर टेरी की ‘साख’ बचाने के प्रयासों के तहत TERI के नए अध्यक्ष अशोक चावला ने शुक्रवार को कहा कि आंतरिक प्रक्रिया से नाखुश कर्मचारियों की शिकायतों का हल निकालने के लिए बाहरी जांचकर्ता की व्यवस्था की जाएगी. स्थिति को और बिगड़ने से बचाने के प्रयासों के तहत टेरी प्रशासनिक परिषद् के नए अध्यक्ष चावला ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी, महिला या पुरूष, जांचकर्ता के पास जाता है, फिर मामले को और वरिष्ठ प्राधिकार के पास ले जाया जा सकता है.
अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद चावला ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि प्रणाली इस प्रकार काम करेगी कि, जिन लोगों ने कुछ गलत किया है, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा और उससे भी महत्वपूर्ण हम ऐसी प्रणाली ला रहे हैं जहां बाहरी जांचकर्ता होगा.’ उन्होंने कहा, ‘यदि कोई व्यक्ति आंतरिक प्रक्रिया से नाखुश है, महिला या पुरूष कर्मचारी, यदि कुछ गलत हो रहा हो, वह शिकायत कर सकता है और जांचकर्ता उसपर नोटिस ले सकता है. वह एक बाहरी व्यक्त्ति होगा, ऐसे में वह मामले पर फैसला लेने और मामले को उच्च प्राधिकार के सामने ला सकेगा.’