पूसा कृषि शोध संस्थान ने दालों की कमी को देखते हुए पूसा अरहर 16 किस्म की दाल की पैदावार तैयार की है. दालों की यह किस्म पूसा संस्थान ने 7 सालों में तैयार की है. अरहर 16 की खूबी यह है कि यह 6 या 8 महीने की बजाए 4 महीने में तैयार हो जाएगी. यानी 170 से 180 दिनों में तैयार होने वाली अरहर दाल की किस्म 120 दिन में तैयार हो जाएगी और जो पैदावार एक एकड़ में करीब 8 क्विंटल होती थी, अब पैदावार एक एकड़ में करीब 10 क्विंटल तक हो जाएगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने पूसा शोध संस्थान जाकर पूसा अरहर 16 की पैदावार को देखा और उसके बाद संस्थान ने उसकी कटाई की. सरकार को उम्मीद है कि अरहर 16 के आने से दालों के दामों में कमी आएगी और उत्पादकता भी ज्यादा बढ़ेगी.
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का मानना हैं कि अरहर 16 की फसल जल्दी तैयार होगी. जिसकी वजह से किसान अन्य फसल की पैदावार भी कर सकेंगे. सरकार का दावा है इसकी खेती कम सिंचाई वाले इलाके में भी हो सकेगी।पूसा के अलावा देशभर में इस फसल को लेकर 8 जगहों पर इसका परीक्षण चल रहा है.