आजतक के 'ऑपरेशन आम आदमी' में आपने देखा कि कैसे दिल्ली के तमाम सरकारी महकमों में रिश्वतखोरी का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. इसका तुरंत ही यह असर हुआ कि तीन अधिकारी सस्पेंड हो गए और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया. लेकिन आजतक का असर दूसरे दिन देखने को मिला. तमाम सरकारी दफ्तरों में अधिकारी रिश्वत के नाम से ही डरे हुए हैं. 'ऑपरेशन आम आदमी पार्ट 2' में देखिए कि कैसे अधिकारी बेहद डरे-सहमे हुए हैं.
भ्रष्टाचार की जंग लडने वाली आम आदमी पार्टी जब सत्ता में आई, तो ऐसा लगने लगा कि दिल्ली में रिश्वत का खेल खत्म हो चुका है. अरविंद केजरीवाल के आने के बाद दिल्ली की रिश्वतखोर नौकरशाही शायद AAP के आगे घुटने टेक देगी. लेकिन आजतक की खुफिया टीम जब रिश्वत का रियलिटी टेस्ट करने दिल्ली के दफ्तरों में निकली, तो कैमरा भी चौंक उठा. जी हां, बंगारु लक्ष्मण स्टाइल में टेबल के ऊपर पैसा लेते अधिकारी जब हरे-हरे नोट अपने दराजों में सहेजकर रखने लगे, तो दिल्ली का खुला खेल सबके सामने था.
सोमवार की रात जब आजतक ने ऑपरेशन आम आदमी में यह दिखाया कि कैसे दिल्ली के दफ्तरों में भ्रष्टाचार का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है, तो पहले तो सरकार भी ठिठक गई. लेकिन कुछ देर संभलकर केजरीवाल ने जब मौके की नजाकत को समझा, तो AAP की सरकार ने आजतक पर ही रिश्वतखोरी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया.
मनीष सिसोदिया के तेवर देखने लायक थे. उधर अरविंद केजरीवाल ने अपने दफ्तर में रातोंरात दिल्ली के अफसरों को तलब किया और उन्हें हुक्म दिया कि कैमरे पर दिख रहे घूसखोर अधिकारियों और बाबुओं को तुरंत सस्पेंड किया जाए. यही नहीं, केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के 800 कर्मचारियों के भी तबादले का फौरी आदेश जारी कर दिए. केजरीवाल के घर से लेकर मुख्यमंत्री दफ्तर तक हड़कंप मच चुका था.
सुबह होते-होते केजरीवाल ने अपनी तरकश से एक और तीर निकाला. एंटी करप्शन ब्यूरो से कहा कि वो बिना वक्त जाया किए कैमरे पर रिश्वत लेते अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करे. दरअसल केजरीवाल भ्रष्टाचार को ही अपनी सरकार का ट्रंप कार्ड मानते हैं. लिहाजा यह बाजी वो अपने हाथ से निकलने देना नहीं चाहते.
इधर, आजतक की टीम ने रिश्वत का एक और रियलिटी टेस्ट करने मंगलवार को दिल्ली के दफ्तरों पर दोबारा दस्तक दी. इसे आजतक का असर कहें या केजरीवाल का कहर, मंगलवार की सुबह दिल्ली के दफ्तरों में भ्रष्टाचार को सांप सूंघ गया था. आजतक की खुफिया टीम मंगलवार को आरके पुरम स्थित इम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज ऑफिस में पहुंची. वहां अपना नाम पहले ही रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दफ्तर के बाबू से कहा, तो आजतक के स्टिंग ऑपरेशन का असर उसकी जुबान और चेहरे पर साफ-साफ पढ़ा जा सकता था.
रोजगार एक्सचेंज ऑफिस के अधिकारी ने कहा, 'तुम्हारी तो नौकरी लगी नहीं, मेरी नौकरी लेने पर क्यों तुले हो. तीन-तीन अफसरों को नाप दिया केजरीवाल ने..'
आजतक की टीम दिल्ली जल बोर्ड के उस दफ्तर में भी पहुंची, जिसके एक अधिकारी रिश्वत की मोटी रकम लेते हुए हमारे खुफिया कैमरे में कैद हो गए थे. लेकिन अब वहां का नजारा बदल चुका है. वहां भी यही दुहाई कि तीन-तीन नप गए, अब तो रिश्वतखोरी से तौबा ही तौबा...
ऐसा कौन-सा आरटीओ होगा, जहां दफ्तर के बाहर मंडराते हुए दलाल आपको मिल नहीं जाएं. लेकिन मंगलवार को आजतक की खुफिया टीम जब साकेत के आरटीओ के बाहर पहुंची, तो बदले माहौल की दुहाई वहां बैठा दुकानदार ही करने लगा. दुकानदार ने आजतक को बताया कि सोमवार की घटना के बाद आजतक की खबर का ऐसा असर हुआ कि अब यहां भ्रष्टाचार पर मानो झाड़ू फिर गया है.
आरटीओ के बाहर दुकानदार ने कबूला, 'यहां से गायब हो गए सारे दलाल. यहां भ्रष्टाचार पर झाड़ू लग गया'.
एंटी करप्शन ब्रांच का हालचाल...
रियलिटी टेस्ट न सिर्फ दिल्ली सरकार के दफ्तरों में जाकर लिया गया, बल्कि दिल्ली में भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एंटी करप्शन ब्रांच का भी टेस्ट लिया गया.
दिल्ली में पुलिस का एंटी करप्शन ब्रांच एक ऐसा महकमा है, जहां अब तक फाइलें धूल फांकती थीं और ज्यादातर अधिकारी बगैर काम के बैठे रहते थे. लेकिन ऑपरेशन आम आदमी का असर यह दिखा कि सस्पेंड अधिकारियों के खिलाफ इसी ब्रांच में मुकदमा दर्ज हो गया. उसके एक बड़े अधिकारी ने आजतक के 'ऑपरेशन आम आदमी पार्ट 2' में यह कबूल किया कि कैसे ब्रांच अलर्ट हो गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिन रात काम शुरू होने जा रहा है.
दिल्ली विधानसभा के पास है एंटी करप्शन ब्रांच का मुख्यालय. दिल्ली सरकार का वो दफ्तर, जहां भ्रष्टाचार की हर फाइल खोली, परखी और जांची जाती है. ऑपरेशन आम आदमी में फंसे अधिकारियों पर मुकदमे भी इसी ब्रांच में दर्ज हुए हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ पारदर्शिता लाने के लिए आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर इस दफ्तर में भी खुफिया कैमरे के साथ अंदर पहुंचे. आगे की कहानी एंटी करप्शन ब्यूरो के एसीसी बलवंत सिंह से सुनिए...
उन्होंने कहा, 'हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. हम लोगों की टीम बढ़ रही है. सीडी है, इसमें लोग अरेस्ट होंगे.'
दिल्ली में AAP की सरकार के आने पर बलवंत सिंह ने कहा कि केजरीवाल से पहले इस दफ्तर की कोई सुध नहीं लेता था. लेकिन केजरीवाल के आने के बाद यहां अफसरों की तैनाती भी हो रही है. अब तो एसीपी भी दिन और रात, दोनों वक्त काम करेंगे.
दिल्ली के दिल को कभी-कभी जानना वाकई मुश्किल है. एक तरफ ऑपरेशन आम आदमी से अफसरों में हड़कंप है, तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के कुछ महकमे ऐसे भी हैं, जहां केजरीवाल के ऐलान के बाद भी भ्रष्टाचारियों की कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है गुरु तेग बहादुर अस्पताल. यहां पर मरीज को दाखिल कराने के लिए दलालों की भीड़ अब भी जमा है. बिना पैसे दिए यहां सुई लगवाने में भी दिक्कत आ सकती है. अब हालात बदल रहे हैं. लेकिन अभी भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली के लिए लंबा सफर तय करना होगा. केजरीवाल भी इसे बखूबी जानते हैं, इसीलिए तो कॉल सेंटर के जरिए आपको मौका दे रहे हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में जुड़ने का.