दिल्लीवालों के लिए एक राहत की खबर है. दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (डीईआरसी) के सूत्रों ने बताया है कि शनिवार को राज्य में बिजली की कटौती नहीं होगी. डीईआरसी बिजली के संकट के मसले पर बीएसईएस और एनटीपीसी के अधिकारियों से बात कर रहा है.
इससे पहले बिजली कंपनियों ने शुक्रवार को उपभोक्ताओं पर 6 से 8 फीसदी का सरचार्ज लगाने का ऐलान किया था. ये सरचार्ज शनिवार से लागू होना है. डीईआरसी के चेयरमैन पी. डी. सुधाकर के मुताबिक बीएसईएस यमुना ने 8 फीसदी, बीएसईएस राजधानी ने 6 फीसदी और टीपीडीडीएल ने 7 फीसदी सरचार्ज लगाने का ऐलान किया. सुधाकर के मुताबिक सरचार्ज का हर 3 महीने में रिव्यू किया जाता है. ताजा बढ़ोतरी फरवरी, मार्च और अप्रैल तक लागू रहेगी.
बिजली कंपनियों के इस फैसले का पता दिल्ली सरकार को मीडिया के जरिये लगा. बिजली दर में बढ़ोत्तरी की खबर ने मानो केजरीवाल सरकार को 440 वोल्ट का झटका दे दिया हो. दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर डीईआरसी के फैसले को पूरी तरह गैरजरूरी करार दिया.
केजरीवाल सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है- सरकार DERC के फैसले की निंदा करती है. चूंकि निजी बिजली वितरण कंपनियों के खातों की सीएजी द्वारा ऑडिट जारी है, ऐसे में ये फैसला पूरी तरह गैरजरूरी है. सरकार की ये स्पष्ट राय है कि सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट आने तक बिजली कंपनियों को इंतजार करना चाहिए था. जनता पर गैरजरूरी बोझ डालने की जल्दबाजी दिखाने की कोई जरुरत नहीं थी. निजी बिजली वितरण कंपनियों के कामकाज पर ढेर सारे सवाल हैं और सरकार इस समस्या की जड़ तक पहुंचने को कटिबद्ध है.
दरअसल ऑडिट के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और निजी बिजली कंपनियों के बीच ठनी हुई है. ऐसा माना जाता है कि बिजली कंपनियों का ताजा कदम उसी टकराव का नतीजा है. बिजली कंपनियों ने सरचार्ज के जरिए बिजली महंगा कर एक तरह से केजरीवाल सरकार को चुनौती दे दी है, लेकिन इसका असली भुगतान तो दिल्ली की जनता को करना होगा.