दिल्ली सरकार अक्सर बड़े बड़े वादों के पोस्टर होर्डिंग लगाती है, इनके सहारे ये प्रचार का जुमला सरकाया जाता है कि, दिल्ली के स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया जा रहा है. अभी हाल ही में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेडियो एडवरटाइजमेंट जारी करके दिल्ली के शिक्षकों को प्रणाम-नमस्ते भी किया है. मगर प्रचार-होर्डिंग-वादों से इतर हकीकत की दुनिया में दिल्ली के सरकारी स्कूलों का हाल विज्ञापनों दिखने वाला सुहाना नहीं है.
सरकारी सैलेरी,सरकारी इंटरनेट से फेसबुक चैटिंग
पूर्वी दिल्ली के घोंडा स्थित सरकारी स्कूल में जब आजतक की टीम पहुंची तो समय दोपहर के 1 बजकर 5 मिनट हो रहा था. लड़कियों की छुट्टी हो रही थी और लड़के स्कूल में आ रहे थे, जाहिर है ऐसे में प्रिंसिपल साहब को स्कूल की चार दीवारी में ड्यूटी पर होना चाहिए, लेकिन प्रिंसिपल साहब स्कूल से गायब मिले. प्रिंसिपल कहां हैं ये पूछने के लिए जब हम वाइस प्रिंसिपल के पास गए, तो बच्चों को संभालने की बजाय. वाइस प्रिंसिपल साहब फेसबुक पर चैटिंग कर रहे थे.
कैमरे में कैद हुईं तस्वीरें
ये सारी तस्वीरें आजतक के कैमरे में कैद हुईं, हमें देखकर जल्दी से ट्रम्प का सरकारी नेट बंद करने लगे. पूछने पर पता चला कि प्रिंसिपल साहब स्कूल से गायब हैं और वाइस प्रिंसिपल साहब स्कूल में सरकारी सैलेरी लेकर सरकारी इंटरनेट से फेसबुक पर चैटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा स्कूल में गंदगी का आलम ये था कि जगह जगह कीचड़ के ढेर लगे थे, डेंगू चिकनगुनिया के मौसम में स्कूल के ऐसे हालात चौकाने वाले थे.