एनजीटी ने पर्यावरण संबंधी नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का निर्देश दिया है. दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जुर्माना ना भरने वालों को एनजीटी में पेश किया जाए.
दरअसल एनजीटी को बताया गया कि दिल्ली के लोग पहले पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले काम करते हैं जैसे कूड़ा फेंकना या प्लास्टिक जलाना इत्यादि और पकड़े जाने पर जुर्माना नहीं भरते हैं.
दिल्ली सरकार के वकील ने एनजीटी को प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान बताया कि प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रदूषण फैला रहे मालिकों और कूड़े का उचित निपटान ना करने वालों पर कार्यवाही की गई है. उन पर 1000 से लेकर ₹5000 तक का ग्रीन टैक्स जुर्माने के तौर पर लगाया गया है.
लेकिन सभी लोग इस जुर्माने को भरने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी सूरत में हम क्या करें सरकारी वकील की इस बात को सुनकर एनजीटी ने कहा कि जो लोग टैक्स भरने को तैयार नहीं हैं, उनको एनजीटी में पेश होने का नोटिस दिया जाए.
कोर्ट इस मामले में दोबारा 24 नवंबर को सुनवाई करेगा. इसी बीच सरोजनी नगर को लेकर एनडीएमसी के वकील ने एनजीटी में अपनी रिपोर्ट दी और बताया कि करीब ₹70000 सिर्फ सोमवार के दिन में ग्रीन टैक्स के रूप में उन लोगों से वसूले जा चुके हैं जिन्होंने सरोजिनी नगर मार्केट में नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी की थी.