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दिल्ली की सड़कों से हटी हजारों डीजल कैब, टैक्सी चालक परेशान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में डीजल से चलने वाली टैक्सियों पर रोक लग गई है, लेकिन रविवार से लागू हुए इस फैसले से डीजल कैब चलाने वाले लोगों की मुसीबत आ गई है.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में डीजल से चलने वाली टैक्सियों पर रोक लग गई है, लेकिन रविवार से लागू हुए इस फैसले से डीजल कैब चलाने वाले लोगों की मुसीबत आ गई है. 1 मई से दिल्ली में लोकल परमिट इस्तेमाल करने वाली डीज़ल टैक्सी पर प्रतिबंध रहेगा लेकिन ऑल इंडिया के परमिट से चलने वाली तमाम डीजल कैब को इसमें सुप्रीम कोर्ट ने छूट दी है.

टैक्सी चालकों के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो गया है. दिल्ली में पिछले कई सालों से डीजल टैक्सी चला रहे हरजिंदर अपने घर में एकलौते कमाने वाले हैं. डीजल टैक्सी में पाबंदी के बाद रविवार को हरजिंदर को 3000 हजार रुपये का नुकसान हुआ. हरजिंदर का कहना है कि गाड़ी की किश्त भी पूरी नहीं हो पाई है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उन्हें बेरोजगारी के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है.

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डीजल गाड़‍ियों को सीएनजी में कन्वर्ट करना आसान नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का केजरीवाल सरकार ने स्वागत किया है और परिवहन मंत्री गोपाल राय बिना मौका गंवाते हुए अपने इन्फोर्समेंट विभाग को 1 मई से डीजल गाड़ियों पर कार्यवाही करने का आदेश दे दिया है. सरकार का कहना है कि जो लोग अपनी मनमानी करते हैं उन्हें असलियत समझना होगा. ऑड-इवन फॉर्मूले से फुर्सत मिलने के बाद दिल्ली सरकार इस पहल में जुटी है कि दिल्ली की सभी गाड़ियां CNG युक्त रहें.

जाहिर है दिल्ली से प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए एक बड़ा कदम है. लेकिन बात अगर टैक्सी चालकों के रोजगार पर आ जाए तो सरकार को भी कई कदम उठाने होंगे. अब ऐसी तकनीक की जरूरत है जो डीजल से चलने वाली गाड़ियों को CNG में आसानी से बदल सके.

जानिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू होने से दिल्ली में क्या बदलाव होंगे...
-इस फैसले के बाद दिल्ली की सड़कों से 50 हजार से ज्यादा टैक्सी हट जाएंगी. इस दिल्ली के लोगों को सोमवार से मुसीबत झेलनी पड़ सकती है.
-ओला और उबर की करीब 13 हजार डीजल से चलने वाली टैक्सी सड़कों से हटेंगी, जबकि दोनों ही ऑपरेटर वक्त से पहले करीब 41 हजार CNG गाड़ियां सड़कों पर उतार चुके हैं.

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टैक्सी चालक केजरीवाल सरकार से नाराज
टैक्सी चालकों के मुद्दे समय-समय पर उठाने वाले सूरज वैध ने दिल्ली सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में टैक्सी चालकों का कमजोर पक्ष रखने का आरोप लगाया. सूरज ने कहा, 'कई राज्यों में CNG नहीं है जबकि पेट्रोल का खर्चा पैसेंजर नहीं उठा सकता है, ऐसे में टैक्सी चालकों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा.' उन्होंने कहा कि पेट्रोल को CNG में बदल सकते हैं लेकिन डीजल को CNG में बदलना मुश्किल है, जो अब टैक्सी चालकों की सबसे बड़ी चिंता है. उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की कि सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष दोबारा रखा जाए.

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