दिल्ली के गांधीनगर में गैंगरेप का शिकार हुई गुड़िया के पिता को फोन पर धमकियां मिल रही हैं. जांच के बाद खुलासा हुआ है कि जिस नंबर से धमकी के लिए फोन किया गया वह नंबर बिहार के एक एसटीडी बूथ का है. फोन करने वाला अश्लील बातें करता है और गुड़िया के बारे में पूछता है. पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है.
उधर, पीड़ित बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उसकी सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं. अस्पताल से छुट्टी के बाद बच्ची को YWCA शेल्टर होम भेजा गया है. यहां, पीड़ित बच्चों के लिए ठहरने की सुविधा है. शेल्टर होम में सदमे से उबरने के लिए काउंसलिंग गुड़िया की काउंसलिंग की जाएगी. यहां उसके साथ उसके माता-पिता नहीं होंगे.
आरोपियों को न्यायिक हिरासत बढ़ाई
वहीं इसी मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को यहां की एक अदालत ने 23 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने 22 वर्षीय मनोज शाह और 19 वर्षीय प्रदीप की हिरासत बढ़ा दी. उन्हें उनकी न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद अदालत में पेश किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने पूर्व में मुख्य आरोपी मनोज की हिरासत हासिल की थी, ताकि घटना के क्रम को जानने के लिए उसका प्रदीप से आमना-सामना कराया जा सके और उसे ‘खून के धब्बे वाले कपड़ों’ को बरामद करने के लिए बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित उसके पैतृक आवास ले जाया जा सके, जो उसने अपराध को अंजाम देते समय पहन रखे थे.
जांचकर्ताओं ने अदालत को यह भी बताया था कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान उसने दोनों के मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं.
पुलिस ने मनोज की लिखावट का नमूना भी लिया है, ताकि इसे प्रदीप से मिले कागज पर लिखी लिखावट से मिलाया जा सके. मनोज ने प्रदीप को एक कागज का टुकड़ा दिया था, जिस पर लिखा था कि वह उसे दो दिन में फोन करे. यह कागज उस समय दिया गया था जब उन्होंने दिल्ली छोड़ा और बिहार के छपरा में वे अलग-अलग हुए.
मनोज और प्रदीप दोनों 15 अप्रैल को पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर स्थित एक घर में बच्ची से बलात्कार करने के आरोपी हैं. आरोपी और लड़की का परिवार उसी मकान में रहते थे.
मनोज ने दुष्कर्म करने के बाद उसे गला घोंटकर मारने की कोशिश की थी. पीड़ित को मृत मानकर दोनों आरोपी घटनास्थल से भाग गए और छपरा के लिए ट्रेन पकड़ ली. छपरा में दोनों अलग-अलग हो गए.