दिल्ली पुलिस ने फर्जी रेडियो टैक्सी के जरिए लोगों को फंसाकर करोड़ों रुपये हड़पने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में बाप-बेटे समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही छह करोड़ रुपये के एक बड़े फ्रॉड को भी सुलझा लिया गया है.
पुलिस उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) रजनीश गर्ग ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान सत्यवीर सिंह, नवाब चौधरी और दिलीप उपाध्याय के रूप में की गई है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए इन तीनों आरोपियों ने पूरे देश में कथित रूप से 315 लोगों को हाई-रिटर्न इनवेस्टमेंट स्कीम में पैसा लगाने के बहाने ठगा था.
ऐसे बनाई ठगी की स्कीम
पुलिस के अनुसार, इन तीनों ने कथित रूप से इनसाइड सर्विसेज लिमिटेड नाम की एक कंपनी शुरू की और जल्द ही इसकी दो सहायक कंपनियां इनसाइट सिटी कैब्स और इनसाइट हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज बनाई. जिन्होंने लोगों से हाई-रिटर्न देने के बहाने इन कंपनियों द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के लिए पैसा जमा करवाया.
उन्होंने इन योजनाओं के बारे में कुछ राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिए और जब उनका कारोबार चल गया, तब उन्होंने दिल्ली, फरीदाबाद और देहरादून में विभिन्न स्थानों में पांच शाखाएं खोल दी, जिनके सात विभिन्न बैंकों में खाते थे. छह करोड़ रुपये इकट्ठा करने के बाद आरोपियों ने कथित रूप से अपने कार्यालय बंद दिए और गायब हो गए. बाद में पीड़ितों को जारी किए गए पोस्ट-डेटेड चेक इन कंपनियों के बैंक खातों में अपर्याप्त राशि होने के कारण बाउंस हो गए.
इंडिया गेट के पास गिरफ्तार हुए आरोपी
पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘धोखाधड़ी घोटाला के जरिए कमाए गए पैसे को इन तीनों आरोपियों ने बराबर हिस्से में बांट लिया.’ सत्यवीर ने अपनी स्कूल की पढ़ाई आधे में छोड़ी है, जबकि उसका बेटा नवाब पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा होल्डर है. वहीं उनका साथी उपाध्याय बिहार से कला संवर्ग में स्नातक है. गर्ग ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर पुलिस ने इंडिया गेट के पास जाल बिछाया और तीनों को गिरफ्तार किया. इंडिया गेट पर ये तीनों एक संभावित ग्राहक से मिलने के लिए आए थे.