scorecardresearch
 

बीजेपी में शामिल हुए ममता के विधायक, 12 पार्षदों ने भी पार्टी छोड़ी

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस में मची भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद लगभग एक महीना गुजर चुका है, लेकिन ममता की पार्टी के लगातार उन्हें छोड़कर भाग रहे हैं. मंगलवार को दिल्ली में बोनगांव से टीएमसी विधायक विश्वजीत दास पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.

Advertisement
X
टीएमसी के कई नेता मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए. (फोटो-एएनआई)
टीएमसी के कई नेता मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए. (फोटो-एएनआई)

Advertisement

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में मची भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद लगभग एक महीना गुजर चुका है, लेकिन ममता की पार्टी के लगातार उन्हें छोड़कर भाग रहे हैं.

मंगलवार को दिल्ली में बोनगांव से टीएमसी विधायक विश्वजीत दास पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसके अलावा 12 पार्षदों ने भी टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस के प्रवक्ता प्रसनजीत घोष ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है. दिल्ली में ये सारे नेता बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए.

Delhi: TMC Bongaon MLA Biswajit Das, 12 TMC councillors and Congress spokesperson Prasanjeet Ghosh join BJP in presence of BJP leaders Kailash Vijayvargiya and Mukul Roy. pic.twitter.com/BOSQ94b0Le

Advertisement
— ANI (@ANI) June 18, 2019

इससे पहले सोमवार को भी पश्चिम बंगाल में नोआपाड़ा के टीएमसी विधायक सुनील सिंह टीएमसी के 12 पार्षदों और कांग्रेस के एक पार्षद के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. सोमवार को इन नेताओं को बीजेपी में शामिल कराने के लिए पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और पार्टी नेता मुकुल राय मौजूद थे. बता दें कि सुनील सिंह सांसद अर्जुन सिंह के रिश्तेदार हैं. अर्जुन लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. लोकसभा चुनाव उन्होंने बैरकपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है.

एक देश, एक चुनाव का बहिष्कार करेंगी ममता

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को बुलाई गई सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक में शामिल नहीं होने का संकेत देते हुए ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र को पत्र लिखा और कहा कि 'एक देश व एक चुनाव' जैसे 'एक संवदेनशील और गंभीर विषय' पर इस तरह से 'जल्दीबाजी' नहीं करनी चाहिए. केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने मांग की कि सभी राजनीतिक दलों के बीच एक श्वेत पत्र बांटा जाना चाहिए, जिसमें 'एक देश व एक चुनाव' पर अपने विचार देने के लिए उन्हें 'पर्याप्त समय' दिया जाना चाहिए.

Advertisement
Advertisement