बरसात का सीजन शुरू होने के साथ टमाटर एक बार फिर लाल हो गया है. देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में टमाटर शुक्रवार को 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. बरसात में फसल खराब होने से टमाटर की आवक घट जाने के कारण कीमतों में उछाल आया है.
टमाटर की कीमतों में जबर्दस्त उछाल
बीते एक महीने में टमाटर के थोक दाम में 10 गुना तक की वृद्धि हुई है. एक महीने पहले दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर का भाव जहां 1.25 रुपये से लेकर 4.75 रुपये प्रति किलो चल रहा था, वहां शुक्रवार को थोक भाव 6.44 रुपये प्रति किलो था.
मॉडल रेट की बात करें तो तीन जून को आजादपुर मंडी में टमाटर का मॉडल रेट तीन रुपये प्रति किलो था, जो बढ़कर 29 रुपये प्रति किलो यानी करीब 10 गुना ज्यादा हो गया है. एक दिन पहले मंडी में टमाटर का थोक भाव 52 रुपये प्रति किलो तक उछला यानी बीते एक महीने में करीब 995 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. थोक दाम बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में टमाटर का भाव गुरुवार को 80 रुपये किलो तक उछला. ग्रेटर नोएडा में खुदरा टमाटर 50.70 रुपये प्रति किलो बिक रहा था.
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टमाटर की आमद कम
आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि टमाटर की आवक कम होने की वहज से कीमतों में इजाफा हुआ है. आजादपुर मंडी में तीन जून को टमाटर की आवक 528.2 टन थी जबकि तीन जुलाई को आवक 281.6 टन थी. इस प्रकार, आवक एक महीने में घटकर तकरीबन आधी रह गई. एक दिन पहले टमाटर की आवक घटकर 241.9 टन रह गई थी जिसके कारण थोक भाव 6.52 रुपये प्रति किलो जबकि मॉडल रेट 32 रुपये प्रति किलो हो गया था.
डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर
उन्होंने कहा कि टमाटर ही नहीं, तमाम सब्जी और फलों के दाम में तेजी आई है जिसकी एक बड़ी वजह डीजल के दाम में वृद्धि है. उन्होंने कहा कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी से सब्जियों की परिवहन लागत बढ़ गई है.
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हिमाचल की फसल से मिलेगी राहत
हालांकि मार्केट एक्सपर्ट ने बताया कि टमाटर अब ज्यादा उछाल नहीं होगा. अगले सप्ताह से हिमाचल प्रदेश से नई फसल की आवक जोर पकड़ने वाली है. जिसके बाद कीमतों में गिरावट आ जाएगी. उन्होंने बताया कि इस समय दिल्ली में 90 फीसदी आवक हिमाचल प्रदेश से हो रही है कि 10 फीसदी आवक हरियाणा और कर्नाटक से हो रही है.
कोरोना काल में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण होटल, रेस्तरां, कैंटीन और ढाबा बंद रहने के कारण टमाटर, प्याज समेत तमाम हरी सब्जियों की खपत बीते महीनों के दौरान घट गई जिससे जिससे कीमतों में काफी गिरावट आई, तब टमाटर का थोक भाव एक रुपया प्रति किलो से भी कम हो गया था.