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ट्रैक्टर परेड के जरिये किसानों का पावर शो, पंजाब-यूपी-हरियाणा-राजस्थान से दिल्ली की ओर कूच

राजधानी दिल्ली में मंगलवार को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन के दौरान भारत के सैन्य पराक्रम और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी. तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सड़कों पर किसानों की ट्रैक्टर रैली भी दौड़ेगी. 

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दिल्ली के लिए कूच करते किसान (फोटो-मंजीत सहगल)
दिल्ली के लिए कूच करते किसान (फोटो-मंजीत सहगल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान से आ रहे किसान 
  • गुलाबी गैंग भी किसानों के समर्थन में दौड़ाएगी ट्रैक्टर 
  • कई शहरों में किसानों की वजह से रहा जाम

गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के लिये कई राज्यों से किसान पहुंच रहे हैं. जिनके पास ट्रैक्टर है, वो ट्रैक्टर लेकर और जिनके पास नहीं है, वो कार, बाइक, जो भी वाहन उपलब्ध है, उसी से राजधानी के लिए निकल पड़े हैं. सोमवार को पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सड़कों पर किसानों की हुजूम देखने को मिला. 

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पंजाब के किसानों के तेवर सख्त 
सबसे पहले पंजाब की बात करें तो दिल्ली के बॉर्डर से सटे कई इलाके पिछले दो महीने से भी ज्यादा अर्से से प्रदर्शनकारी किसानों का आशियाना बने हुए हैं. हजारों किसानों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों को लेकर खुले में ही तंबुओं में डेरा डाला हुआ है. सबसे ज्यादा पंजाब के किसान इन मांगों को लेकर मुखर दिखाई दे रहे हैं. पंजाब के जो किसान दिल्ली की ट्रैक्टर परेड में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उनको अपने-अपने क्षेत्रों में ही ऐसी परेड निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

दिल्ली कूच करता पंजाब के किसानों का जत्था
दिल्ली कूच करता पंजाब के किसानों का जत्था

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ट्रैक्टरों में लगवाए लोहे के हैवी बम्पर 
दिल्ली रवाना होने वाले किसानों ने अबकी बार अपने ट्रैक्टरों में गजब के बदलाव किए हैं. यह बदलाव खासकर पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए भी किए गए हैं. ट्रैक्टरों में भारी भरकम लोहे के बम्पर लगाए गए हैं. इसके अलावा फायरप्रूफ तिरपाल भी लगाई गई हैं. कुछ लोगों ने तो ट्रैक्टरों की बीएचपी पावर भी बढ़ा ली है. साथ ही इंजन के चारों तरफ लोहे की मजबूत जाली लगवाई गई हैं. ये सब एहतियातन किया गया है. अगर कहीं बैरिकेडिंग वगैरहा टूटे तो ट्रैक्टर को नुकसान न पहुंचे.

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ट्रैक्टर परेड के लिए कई राज्यों से निकले किसान
ट्रैक्टर परेड के लिए कई राज्यों से निकले किसान

हालांकि, किसान संगठनों ने सरकार को बार-बार भरोसा दिया है कि उनकी ट्रैक्टर परेड शांतिप्रिय होगी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हैं. खुफिया सूचनाओं के मुताबिक कुछ शरारती तत्व इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं. पुलिस ने किसान संगठनों से ऐसे तत्वों पर नजर रखने की अपील की है. 

हरियाणा के कई शहरों में जाम  
पंजाब के साथ साथ हरियाणा के कुछ क्षेत्रों से भी ट्रैक्टरों ने दिल्ली की ओर कूच करना शुरू किया तो हरियाणा के कई शहरों में ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिली. कई जगह तो घंटों लोगों को फंसे रहना पड़ा. राष्ट्रीय राजमार्ग- 44 पर पड़ने वाले बालगढ़ गांव और सिंघु बॉर्डर के बीच 12 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम देखने को मिला. यहां किसानों के ट्रैक्टर सड़क के दोनों तरफ खड़े दिखाई दिए. बहादुरगढ़ से टिकरी बॉर्डर तक जाने वाला बाईपास 15 किलोमीटर तक ट्रैक्टरों से अटा पड़ा है.  

ट्रैक्टरों पर शान से लहराता तिरंगा  
पंजाब और हरियाणा से निकले ट्रैक्टरों पर देश के गौरव का प्रतीक तिरंगा भी शान के साथ लहराता दिख रहा है. सड़कों पर दौड़ते ट्रैक्टरों पर न सिर्फ किसान आंदोलन से जुड़े गीत बज रहे हैं, बल्कि देशभक्ति के गाने भी खूब सुनने को मिल रहे हैं. किसान ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे भी पूरे जोर से लगा रहे हैं.  पंजाब से आए कुछ ट्रैक्टरों पर तिरंगे के साथ सिखों के पवित्र त्रिकोणीय झंडे ‘निशान साहब’ को भी देखा जा सकता है. पंजाब के मोहाली से आए एक किसान ने कहा, “इस बार का गणतंत्र दिवस यादगार होगा. एक तरफ हमारे देश के वीर जवानों को देश सैल्यूट करेगा, वहीं किसानों की तकलीफ पर भी सबका ध्यान जाएगा.” 

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हरियाणा में सरकारी कार्यक्रमों में बदलाव  
किसान संगठनों ने सरकार को भरोसा दिया है कि उनकी रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगी और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में किसी तरह का खलल नहीं डलने दिया जाएगा. इस आश्वासन के बावजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों के कार्यक्रमों में कुछ बदलाव हुए हैं. हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने भी अब राजभवन से ही तिरंगा फहराने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले करनाल में ध्वजारोहण करने वाले थे, लेकिन अब पंचकूला में तिरंगा फहराएंगे. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल अब रोहतक में तिरंगा नहीं फहराएंगे. फतेहाबाद में  राज्य मंत्री कमलेश ढांडा की जगह अब फतेहाबाद के डीसी तिरंगा फहराएंगे.   

हिमाचल प्रदेश को जोड़ने का प्रयास  
पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर किसान मौजूदा आंदोलन से दूर हैं, लेकिन पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से किसान हिमाचल पहुंच कर यहां के किसानों को भी आंदोलन से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले हफ्ते सिंघु बॉर्डर से आए पंजाब के तीन किसानों को शिमला के रिज मैदान में इसलिए हिरासत में ले लिया गया था क्योंकि वह वहां पर आंदोलन शुरू करने की कोशिश कर रहे थे. हिमाचल में प्रवेश करने वाले वाहनों पर पुलिस की कड़ी नजर है. जिस वाहन पर किसान आंदोलन से जुड़े हुए झंडे दिखते हैं, उनको उतरवाकर ही राज्य में प्रवेश करने की इजाजत दी जा रही है. 

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राजस्थान से भी पहुंच रहे किसान 
राजस्थान से भी सोमवार को किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए जाते दिखे. जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना होने वाले किसान शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. ट्रैक्टर पर जिस तरह से गद्दे और रजाइयों का इंतजामम दिख रहा है, उसे देखकर लगता है किसान लंबे इंतजाम के साथ दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं.

ट्र्रैक्टर पर लगा है तिरंगा
ट्रैक्टर पर सवार राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास

उत्तर प्रदेश के पश्चिम इलाकों पर असर 
उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां के पश्चिमी हिस्से में किसानों के आंदोलन का असर अधिक है. दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों का जत्था उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से दिल्ली के लिए कूच कर रहा है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से में आंदोलन का असर अधिक है. दिल्ली से सटे बागपत जिले से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. दिल्ली में किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत मिलने के बाद यहां से दिल्ली जाने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है. बागपत से दिल्ली जाने वाले किसानों के मुताबिक उन्हें रास्ते में किसी तरह की कोई रुकावट पेश नहीं आ रही है. पेट्रोल पंपों से डीजल-पेट्रोल भी बिना किसी परेशानी के मिल रहा है. कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने ट्रैक्टरों के टैंक दो दिन पहले ही फुल करवा लिए थे.  

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम 
दिल्ली से सटा जिला होने की वजह से बागपत में पुलिस-प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. रोड मैप के आधार पर ट्रैक्टरों के दिल्ली जाने को लेकर कई रास्तों को भी डायवर्ट किया गया है, ताकि आम लोगों को असुविधा न हो. दिल्ली से शामली जाने वाले वाहनों के लिए भी रूट डायवर्ट कर दिया गया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यूपी दिल्ली बॉर्डर,  ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस -वे और  हरियाणा यूपी बॉर्डर पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है. हापुड़ में भी पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है.

यूपी से दिल्ली कूच करते किसान
यूपी से दिल्ली कूच करते किसान

अमरोहा, गजरौला, मुरादाबाद, बरेली जैसी जगहों से किसानों के ट्रैक्टरों पर दिल्ली आने और फिर लौटने को देखते यहां हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए खास व्यवस्था की गई है. हापुड़ में स्थानीय स्तर पर भी समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी और कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है. वहीं उत्तर प्रदेश के चन्दौली, जालौन, पीलीभीत, मैनपुरी, लखीमपुर खीरी, हमीरपुर, बलरामपुर आदि जिलों में मंगलवार को ट्रैक्टर रैलियां निकाली जाएंगी. 

गुलाबी गैंग की सदस्य महोबा में ट्रैक्टर दौड़ाएंगी 
महोबा जिले में 26 जनवरी की सुबह गुलाबी गैंग की सदस्य महिलाएं किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर दौड़ाएंगी. मैनपुरी में समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को किसानों के समर्थन में बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है. मैनपुरी की 6 तहसीलों- किसनी, करहल, घिरोर, भोगांव, कुरावली और मैनपुरी में किसानों के समर्थन में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

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(बागपत से दुष्यंत त्यागी के इनपुट्स के साथ

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